प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की उड़ रही धज्जियां, ठेकेदार एवं अधिकारियों की मिलीभगत से…

-छुरा/ गरियाबंद जिला अन्तर्गत छुरा से मड़वाडिही (मड़ेली) सड़क के लिए पक्की सड़क लम्बाई 10.4 कि.मी. के लिए ,लागत राशि 221.97 लाख रुपए शासन ने स्वीकृत की ताकि सड़क निर्माण होने से लोगों को काफी सुविधा मिल सके, लेकिन नियम कायदों को दरकिनार कर गुणवत्ता में हेर-फेर करते हुए निर्माण एजेंसी ने करोड़ों रुपए हज़म कर गए। लक्ष्मी ठाकुर सरपंच मड़ेली, भीखम सिंह ठाकुर उपसरपंच मड़ेली, नीलम ध्रुव सरपंच जरगांव, बाबूलाल ध्रुव उपसरपंच जरगांव, ईश्वर निर्मलकर, यादराम निषाद, गजेन्द्र ठाकुर, जीवन टाण्डे, तेजराम निर्मलकर का आरोप है कि ठेकेदार जिस मापदंड से सड़क निर्माण होनी चाहिए, वैसा नहीं हुआ है। ठेकेदार सारे नियम कायदों को दरकिनार कर मनमानी तरीके से घटिया मटेरियल का इस्तेमाल किया है ।‌ विभाग के अधिकारि और ठेकेदार की अच्छी सांठगांठ और मिलीभगत कर घटिया सड़क निर्माण कार्य को अंजाम दिया गया है। इसमें रोचक बातें है- छुरा से जरगांव मड़ेली तक दो साल पहले पक्की सड़क का निर्माण हो चुका है। उन पक्की सड़क का निर्माण संवेदक द्वारा नहीं कराया गया है, जिसमें दो साल पूर्व बने पक्की सड़क को ही नये सड़क का रूप संवेदक द्वारा दिया गया है।।ज्ञात हो कि इस सड़क में पुरानी कलवर्ट जर्जर स्थिति में पहले से थी।उसी को संवेदक द्वारा रिपेयरिंग कर लिया गया है जबकि पुरानी कलवर्ट को उखाड़ कर पुनः निर्माण करना था। बाकी बचे डेढ़ कि.मी. कच्ची सड़क में एक इंच डामर लगाकर पूर्ण कर लिया और कार्य पूर्ण होने के संभावित तिथि 22/01/2022 से पहले पूर्ण कर लिया गया। वहीं निर्माण कार्य में भी काफी घटिया किस्म की निर्माण सामग्रियां का इस्तेमाल किया गया है। आज वह पक्की सड़क उखड़ रहे है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में भारी अनियमितता बरती गई है। निर्माण एजेंसी एवं उच्च अधिकारियों के मिलीभगत के चलते सुदूर गांवों को मुख्य सड़क से जोड़ने वाली केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में इस कदर अनियमितता बरती गई है।
गरियाबंद जिले का भ्रष्ट अधिकारी। भाजपा काल में भी और अब कांग्रेस काल में भी अपने आप को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क का सबसे बड़ा अधिकारी बताने गुरेज नहीं करता। भ्रष्ट ठेकेदार अपनी ताकत के साथ शासन के पैसे को भ्रष्ट अधिकारियों के साथ मिलकर निगल रहे।
विभागीय मंत्री इस भ्रष्टाचार को चुपचाप देख रहे हैं, मंत्री को इसे संज्ञान में लेकर तत्काल भ्रष्ट अधिकारियों की काली कोठरी को तोडऩा चाहिए।
गरियाबंद जिले के विकासखंड छुरा में – छुरा से मड़वाडिही मड़ेली सड़क हाल ही में बने। या बन रहे इन सड़कों की जांच की मांग ग्रामवासी एवं क्षेत्रवासियों ने पीएमओ, मुख्यमंत्री व संबधित विभाग से शिकायत दर्ज कराने की बात कही गई है। एवं उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई गई सड़क जिसमें सारे नियम-कायदों को ताक पर रखकर गुणवत्ताहीन सड़कों का निर्माण किया गया है। सड़क निर्माण में न तो ग्रेडिंग किया गया है और न लेबल मिलाया गया है। जिससे नवनिर्मित सड़कें उबड़-खाबड़ है और धंसने लगी है। सड़क निर्माण में अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदारों ने भारी लापरवाही की है। गरियाबंद जिले में जिस तरह की सड़कों का निर्माण हुआ कमोबेश पूरे राज्य में इस योजना के तहत सड़कों का यही हाल है। सरकार और विभाग ने जहां बजट जारी कर टेंडर की प्रक्रिया के बाद अपनी आंखें मूंद ली, वहीं मैदानी स्तर पर तैनात अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर योजना की राशि की जमकर लूट की और यह बदस्तूर जारी है। गरियाबंद के छुरा ब्लाक में अधिकारी पिछले कई सालों से पांव जमा रखें है,और सिर्फ क्षेत्र में दबदबा बना रखा है उसके संरक्षण में अधिकारी- ठेकेदार भ्रष्टाचार का खुला खेल खेल रहे हैं। और सरकार को बदनाम करने के लिए कोई भी कसर बाकी नहीं रख रहे।

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