अंचल के दुर्गा पंडालों में देवी जसगीत का हो रहा आयोजन

शारदा जसगीत मंडली अमलीपदर द्वारा किया जा रहा है मातासेवा

✍? रिपोर्टर विक्रम कुमार नागेश गरियाबंद

अमलीपदर:-

नवरात्रि पर्व के पावन अवसर पर अमलीपदर कांदाडोंगर अंचल के दुर्गा पंडालों में इन दिनों देवी जसगीत गायन का कार्यक्रम देखने सुनने को मिल रहा है!ज्ञात हो कि अंचल के सुप्रसिद्ध माँ शारदा जसगीत मंडली अमलीपदर के माता सेवकों द्वारा दुर्गा पंडालों में नवदुर्गा देवी के नवस्वरूपों,माता श्रृंगार और दैवीय शक्तियों पर आधारित एक से बढकर एक देवी माँ के जसगीत का गायन किया जा रहा है!जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु भक्त उपवास व्रत के साथ माता सेवा में जुट रहे हैं!तथा देवी माँ से मनोकामना पूर्ति की कामना कर रहे हैं!ओडिशा सीमा से लगे कांदाडोंगर अंचल के ग्राम गोहरापदर,उरमाल देवभोग,अमलीपदर,ध्रुवागुडी़ में जहाँ एक तरफ ओड़िया भाषा एवं वहाँ के संस्कृति का प्रभाव है!उसके बावजूद अंचल के माँ शारदा जसगीत मंडली के जस सेवकों द्वारा जसगीत गायन कर छत्तीसगढ़ के लोकसंस्कृति के प्रभाव को बरकरार रखे हुए हैं!तथा छत्तीसगढ़ी देवी जसगीत गायन कर अंचल के दुर्गा पंडालों में धूम मचाये हुए हैं!जसगीत मंडली के कार्यक्रम में प्रमुखरूप से मंडली के संचालक मंडल से वरिष्ठ गायक श्री प्रेमराव वाघे,गीतकार उमेश श्रीवास “सरल”अवतार सिन्हा,ललित प्रधान जयराम यादव पदमन निषाद,अरविंद सिन्हा भुनेश कुमार,दीनु महंती,उत्तम सोनवानी,भुवेन्द बघेल,प्रकाश प्रधान, चंद्रकांता महंती,रीता निषाद उमा मरकाम,प्रतिभा यादव, परमेश्वरी सिन्हा,गायत्री निषाद निखिल त्रिपाठी,भूपेंद्र प्रधान राहुल प्रधान,आदि शामिल हैं!

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