वर्तमान परिपेक्ष में ग्राहक जागृति एवं ग्राहक संतुष्टी अति आवश्यक है : डॉ बी.पी. भोल

आईएसबीएम विश्वविद्यालय के तत्वावधान में एक दिवसीय विधि जागरूकता शिविर का आयोजन हुआ

पूरे कार्यक्रम का संचालन छत्तीसगढ़ी भाषा में किया गया

कुल सचिव डॉ बीपी भोल ने दी सफल कार्यक्रम की बधाई

छुरा। उपभोक्ता संरक्षण, दहेज प्रतिकार एवं बाल श्रम निषेध के संबंध में विधि जागरुकता के लिए आईएसबीएम विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लॉ के द्वारा ग्राम पंचायत नवापारा में एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सरपंच लेखराज ध्रुवा, मुख्य अतिथि के रूप नीलकंठ ठाकुर मंचस्थ रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल ऑफ लॉ के विभागाध्यक्ष डॉ. मुकेश कुमार रॉय ने किया।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और दहेज निषेध अधिनियम के संबंध मे विस्तार से जानकारी देते हुए डॉ. मुकेश कुमार राय ने कहा की ग्राम्य जीवन के लोग बहुत भोले होते हैं। उन्हे विधान एवं उनके अधिकारों की जानकारी कम होती है। जिसके कारण वो छले जाते हैं। हमें अपने अधिकारों एवं विभिन्न अधिनियमों से परिचित होना चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नीलकंठ ठाकुर ने कहा कि लालच और स्वार्थ के कारण दहेज का साया समाज से नहीं हट रहा है। सभी वर्गों और समाज के लोगों को इसे हटाने का प्रयास करना चाहिए। यह विधि जागरूकता शिविर हमारे लिए महत्वपूर्ण है। हम सभी को सहयोग करना चाहिए। कार्यक्रम में विशेष अतिथि छात्रावास अधि. जी.एस. कुम्भकार ने कहा, विश्वविद्यालय के द्वारा चलाया जा रहे कार्यक्रम सराहनीय है। वहीं समाज में लोगों को जागरूक होना अनिवार्य है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सरपंच लेखराज ध्रुवा ने कहा कि विश्विद्यालय के द्वारा ज्ञान के प्रकाश के साथ विधि जागरूकता का प्रयास सराहनीय है। आज हमनें उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, दहेज प्रतिबंध अधिनियम एवं बालश्रम प्रतिबंध अधिनियम के बारे में जानकारी दिया गया। यह अवसर ग्रामीण को जागरूकता एवं न्यायिक सबलता में सहायक सिद्ध होगा। अगली कड़ी में लॉ विभाग के सहा. प्राध्या. सौरभ शुक्ला ने कहा कि वर्तमान समय में बालश्रम एक गंभीर समस्या है। जिससे पूरे देश में किशोरवर्ग को मजदूरी की ओर ढ़केला जा रहा है। हम सभी को बालश्रम के विरोध में स्वर मुखर करना चाहिए। मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष रूपनाथ ने कहा कि बालश्रम वर्तमान समय में एक चुनौती है। छोटे-छोटे बच्चों को मजदूरी करने के लिए मजबूर करना भी अपराध है।
कार्यक्रम के अंतिम कड़ी में स्थानीय भाषा में लोगों को सारकरण एवं कार्यक्रम की उद्देशिका को समझाते कार्यक्रम के संचालनकर्ता पुस्तकालयाध्यक्ष पुखराज यादव ने छत्तीसगढ़ी में लोगों को पूरी जानकारी दी। आभार प्रदर्शन स्कूल ऑफ लॉ के विभागाध्यक्ष डॉ. मुकेश कुमार राय ने किया। इस आयोजन के दौरान ग्राम के समस्त प्रबुद्धजन एवं ग्रामीण उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *