दुर्ग। कोविड-19 के चलते वर्तमान में आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन बंद है। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा हितग्राहियों को घर पहुंच सूखा राशन प्रदाय किया जा रहा है। बच्चों के पोषण स्तर को बनाए रखने में यह सुविधा वर्तमान में प्रभावी नहीं है। जिसके वजह से कुपोषण के स्तर में कमी लाने में कठिनाई हो रही है। अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां डब्लू.एच.ओ, यूनिसेफ जैसी संस्थाओं का मानना है कि कोविड-19 के कारण कुपोषण में बढ़ोत्तरी हो सकती है। कुपोषण की रोकथाम के लिए कारगार कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
प्रदेश में आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस तथा गरम भोजन प्रारंभ करने हेतु आवश्यक कार्यवाही किए जाने का निर्णय लिया गया है। आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से 26 जुलाई से दोपहर का पोषण आहार गरम भोजन के रूप में प्रदाय करने तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में होने वाले स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस का संचालन किया जाना है।
सेवाएं प्रारंभ करने के लिए आवश्यक रणनीति एवं कार्यवाही- कंटेन्मेंट जोन में आने वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों को छोड़कर अन्य सभी आंगनबाड़ी केन्द्र 22 से 24 जुलाई के मध्य खोले जाएंगे। केन्द्र प्रारंभ करने के पूर्व भवन का सेनेटाईजेशन किया जाएगा। हितग्राही को भवन में प्रवेश करने के पूर्व हाथों को साबुन और पानी से सेनेटाईज कराया जाएगा। साथ ही उनकी स्क्रीनिंग भी की जाएगी। स्क्रीनिंग करते समय हितग्राही का बीमारी के प्रारंभिक लक्षण का भी आंकलन किया जाएगा। सर्दी, खांसी, बुखार या अन्य बीमारी परिलक्षित होने पर उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाएगा। भोजन पकाने के बर्तनों को उपयुक्त तरीके से साफ कराया जाएगा। हितग्राहियों को अलग-अलग समूहों में अलग-अलग समय पर बुलाया जाएगा। एक समय में 15 से अधिक व्यक्ति भवन में प्रवेश नहीं करेंगे। गरम भोजन के लिए 3-6 साल के बच्चे, गर्भवती महिलाएं एवं सुपोषण अभियान के हितग्राही को ही प्रवेश की अनुमति होगी। केन्द्र में प्रवेश करने वाले सभी हितग्राहियों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। चिन्हांकित क्षेत्रों में टिफिन सुविधा का भी विचार किया जाएगा। केन्द्र प्रारंभ करने के पूर्व विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
आंगनबाड़ी केन्द्र के प्रारंभ करने के पूर्व बरती जानी वाली सावधानियां- बच्चों के अभिभावकों के साथ बैठक कर उनसे सहमति लिया जाएगा। अभिभावकों को बच्चों के बीमार होने पर आवश्यक सावधानी और सर्तकता के बारे में अवगत कराया जाएगा। बीमार व्यक्तियों के लिए समूचित प्रबंधन किया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को बीमारी की लक्षणों को पहचानने की महत्ता के बारे में अवगत कराया जाएगा। किसी व्यक्ति के संक्रमित पाए जाने पर केंद्र को सेनेटाईज किया जाएगा। संक्रमित पाए जाने की दशा में 3 दिवस के लिए केंद्र को पूर्णतः बंद किया जाएगा और अन्य सभी जरूरी उपाय किए जाएंगे।