रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर प्रदेश भर के जिला मुख्यालय 20 जुलाई को भोजन अवकाश के दौरान दोपहर 1.30 बजे कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसी तरह मंत्रालय एवम् विभागाध्यक्ष कार्यालय के कर्मचारी अधिकारी इंद्रावती भवन में प्रदर्शन कर मुख्य सचिव को मंत्रालय में ज्ञापन सौंपेंगे।
फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा एवम् प्रांतीय मुख्य प्रवक्ता विजय झा ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि प्रदेश के कर्मचारियों एवम् पेंशनरों को जुलाई 2019 का 5 % सहित 11 % कुल 16 प्रतिशत लंबित महंगाई भत्ता “देय तिथि” से स्वीकृत करने की मांग को लेकर जिला संयोजक के नेतृत्व में समस्त संगठन के जिला अध्यक्ष मिलकर कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए जिला मुख्यालय में प्रदर्शन करेंगे।सभी जिलों में आवश्यक तैयारी को लेकर जिला संयोजक गण रविवार को विभिन्न संगठनों के साथ बैठक करेंगे।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों को 12 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है।छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फ़ेडरेशन जुलाई 2019 से लंबित 5 % महंगाई भत्ता देय तिथि से स्वीकृत करने संघर्षरत रहा है।
फ़ेडरेशन ने 14 सूत्रीय में सम्मिलित इस माँग को लेकर दिसंबर 2020 में क़लम रख मशाल उठा आंदोलन तीन चरणों में कर चुका है। लेख है केंद्र सरकार द्वारा जनवरी 2020 का 4 % , जुलाई 2020 का 3 % एवं जनवरी 2021 के 4 % कुल लंबित 11 प्रतिशत महंगाई भत्ता के भुगतान का निर्णय लिया है। इस तरह केंद्र के कर्मचारियों को 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा जबकि प्रदेश के कर्मचारियों को वर्तमान में मात्र 12 प्रतिशत महंगाई भत्ता ही मिल रहा है। जोकि न्यायोचित नहीं है।
उल्लेखीय है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने शासकीय सेवकों ने दिन रात परिश्रम किया है। शासन से उनका हक मिलना अपेक्षित है।प्रदेश सरकार की आर्थिक स्थिति अन्य राज्यों से बेहतर होने के कारण कर्मचारियों को उम्मीद जगी है।