कांकेर– कोरोना नियंत्रण के लिए जिले में किये जा रहे टेस्टिंग एवं टीकाकरण कार्यों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर चन्दन कुमार ने टेस्टिंग बढ़ाने तथा अधिक से अधिक ट्रू-नाॅट एवं आरटीपीसीआर सेम्पल लेने के लिए सभी एसडीएम एवं बीएमओ को निर्देशित किया है। टीकाकरण की समीक्षा करते हुए उन्होंने द्वितीय डोज के टीकाकरण में तेजी लाने के लिए निर्देशित करते हुए कहा कि इसके लिए सात दिवस की कार्ययोजना बनाई जाये तथा जिस गांव में टीकाकरण किया जाएगा, वहां द्वितीय डोज का टीकाकरण केे साथ ही 18 वर्ष एवं उससे अधिक आयु वर्ग के युवाओं का भी टीकाकरण किया जावे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. जे.एल. उईके ने बताया कि द्वितीय डोज के टीका के लिए जिले में पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध हैं। कलेक्टर चन्दन कुमार ने टीकाकरण के लिए सकारात्मक माहौल बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि मनरेगा कार्यस्थल, उचित मूल्य दुकानों एवं सहकारी समितियों को भी फोकस किया जावे।
राजस्व न्यायालयों में सुनवाई शुरू करने के निर्देश
कलेक्टर चन्दन कुमार ने जिले के सभी एसडीएम एवं तहसीलदारों को राजस्व प्रकरणों का निराकरण करने के लिए राजस्व न्यायालयों में सुनवाई शुरू करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि राजस्व कोर्ट में पेशी शुरू किया जावे तथा कोविड-19 गाईड लाइन का पालन करते हुए पक्षकारों के लिए बैठक व्यवस्था किया जावे। राजस्व संबंधी मामलों जैसे बंटवारा, सीमांकन, नामांतरण, डायवर्सन इत्यादि प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा के साथ ही जाति प्रमाण-पत्र बनाने के कार्य की समीक्षा भी उनके द्वारा की गई। राजीव गांधी किसान न्याय योजना एवं मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को प्रेरित करने के लिए सभी एसडीएम एवं तहसीलदारों को निर्देश दिये गये।
गौरतलब है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजनांतर्गत फसल विविधीकरण के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके तहत् वर्ष 2020-21 में किसान द्वारा जिस रकबे में धान की फसल ली गई थी, यदि वह धान के बदले कोदो, कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान, केला, पपीता लगाता है अथवा वृक्षारोपण करता है तो उन्हें प्रति एकड़ 10 हजार रूपये आदान सहायता राशि दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वाले किसानों को तीन वर्षों तक आदान सहायता राशि दिया जाएगा। धान के बदले अन्य फसलों जैसे सुगंधित धान, जिंक धान, जैविक धान, मक्का, अरहर, उड़द, मूंग, तिल, रामतिल, कोदो-कुटकी, रागी इत्यादि फसल लेने के लिए जिले में 12 हजार हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कांकेर विकासखण्ड में 1858 हेक्टेयर, चारामा मंें 1808 हेक्टेयर, नरहरपुर में 1963 हेक्टेयर, भानुप्रतापपुर में 964 हेक्टेयर, दुर्गूकोंदल में 1219 हेक्टेयर, अंतागढ़ 1499 हेक्टेयर एवं कोयलीबेड़ा 2689 हेक्टेयर क्षेत्र में धान के बदले अन्य फसलें लेने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बैठक में अपर कलेक्टर एस.पी. वैद्य, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. जे.एल. उईके, कृषि विभाग के उप संचालक एन.के. नागेश तथा सभी एसडीएम, तहसीलदार एवं विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थे।