कोरोनाकाल में साहित्यकार कर रहे है ऑनलाइन कवि गोष्ठी*

? गरियाबंद से ब्यूरो रिपोर्ट विक्रम कुमार नागेश

राजिम/गरियाबंद

कोरोनाकाल में लोगों की दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो गया है,स्कूली बच्चों से लेकर कर्मचारियों एवम किसानों और आम जनता की नींद उड़ी हुई है न दिन को चैन है न रातों को नीद,हर तरफ़ अजीब बैचेनी है।इस विषम परिस्थितियों से कलाकार और साहित्यकार भी अछूते नहीं है।लगभग 2 माह से ऑफलाइन कवि गोष्ठियाँ भी नही हो सका है,अतः त्रिवेणी संगम साहित्य समिति राजिम-नवापारा के कवियों ने सिस्को एप्प के माध्यम से गत दिनों ऑनलाइन कवि गोष्ठी का आयोजन किया।जिसमें लगभग एक दर्जन साहित्यकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर रचनाओं के माध्यम से अपने अपने मन की बात कही।कार्यक्रम का शुभारंभ नवोदित कवि नरेंद्र कुमार”पार्थ”ने मातृ वंदना के साथ किया।कवि भारत लाल साहू”प्रभु”ने जीवन की सच्चाई से परिपूर्ण रचना पढ़े।युवा कवि किशोर कुमार निर्मलकर ने लोगों को विषम परिस्थितियों में भी संयम बनाकर चलने की अपील अपनी रचनाओं के माध्यम से दिया,वरिष्ठ कवि मकसूदन बरीवाला ने सामाजिक समरसता पर रचना पढ़े।तो कवि कोमल सिंह साहू ने माँ के ऊपर उत्कृष्ट रचना सुनाया,तो मंच संचालन कर रहे श्रवण कुमार साहू”प्रखर” ने समाज की वर्तमान व्यवस्था पर शानदार रचना पढ़कर माहौल को ऊँचाई प्रदान किया।इस अवसर पर रोहित माधुर्य, छग्गु यास अड़ील मोहनलाल माणिकपन,भी ऑनलाइन रहकर काव्य गोष्ठी का आनंद लिया।काव्य गोष्ठी के साथ साथ समिति के आगामी कार्य योजना के बारे में भी चर्चा किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि मकसूदन साहू” बरीवाला”एवं आभार प्रदर्शन भारत लाल साहू ने किया।

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