पाटन। कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई में डॉक्टरों की ही तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी पूरे प्रदेश में काम पर लगाया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गांवों और शहरों में घर-घर जाकर परिवार के एक-एक सदस्य की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी इकट्ठा करने में लगी हुई हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कोरोना संकट के इस दौर में किन परिस्थितियों में काम करने को मजबूर हैं, यहां ये जानने की हमने कोशिश की है।
कोरोना महामारी के दूसरे लहर में लॉक डाऊन में अपने घरों से बाहर नही निकल रहे है। लोग एक दूसरे की मदद करने तक को तैयार नही है। ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानीन बगैर सुरक्षा के लोगों की स्वास्थ्य की जानकारी लेने घर-घर जा रहे है। सुरक्षा के लिये एक गाँव मे मात्र 200 एम एल सेनीटाईज़र ही दिया गया है।
पाटन विकासखण्ड में जामगांव(एम) परियोजना में 58 आंगनबाड़ी ग्रामीण क्षेत्र में और 6 आँगनबाड़ी कुम्हारी पालिका क्षेत्र से है। पाटन परियोजना के अंतर्गत 82 आँगनबाड़ी ग्रामीण क्षेत्र से और 13 आंगनबाड़ी केंद्र नगर पंचायत पाटन में है। इन सभी आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओ के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक आक्सिमीटर और प्रत्येक ग्राम के लिये 100- 100 एम एल का दो सेनीटाईज़र दिया गया है।
गौरतलब हो कि अधिकांश गावों में 2 से अधिक आँगनबाड़ीन केन्द्र है। 100 एम एल के एक बोतल सेनीटाइजर को कैसे उपयोग करें।
बुरे बर्ताव का भी सामना करना पड़ता है
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कुछ लोग अपने घरों में घुसने से मना कर देते हैं। वो कहते हैं कि पूरे गांव में घूमते हो हम लोगों को कोरोना से संक्रमित कर दोगी। हमारी जानकारी जानकारी बाहर पहुँचाओगी। लेकीन ऐसे लोगो को कौन समझाए की उनकी भी ज़िंदगी है। उनको भी मौत से डर लगता है। आँगनबाड़ी कार्यकर्ता मितानीन सभी लोगों के लिए ही काम कर रहे हैं और वही लोग उनके साथ ऐसा व्यवहार करे तो क्या होगा।
कार्यकर्ता जान जोखिम में डालकर काम कर रही है
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ अध्यक्ष लता साहू ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जान जोखिम में डालकर काम कर रही है। कई कतकर्ता संक्रमित हो चुकी है। लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नही है। कोई सुरक्षा प्रदान नही किया जा रहा है। यहां तक कि ग्लब्स, मास्क, सेनीटाइजर भी अपने पैसे से खरीद रहे है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पोषण आहार, बच्चों का वजन,कोरोना सर्वे करती है। आक्सिमीटर से घर घर जाकर जांच कर रहे है। जहां संक्रमीत होने का खतरा है। इसके बाद भी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नही करवाया जा रहा है। खतरा होने के कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ को 50 लाख की बीमा की मांग की गई है।
वर्षण-
शासन द्वारा प्रत्येक ग्राम में महिला बाल विकास विभाग को दो बोतल सेनिटाईज़र एक पल्स आक्सिमीटर दिया गया है। आगामी समय के लिये बोतलों की रिफलिंग भी किया जा रहा है।
आशीष शर्मा
बीएमओ पाटन
एक ग्राम के लिये 100 एमएल की दो बोतल सेनीटाइजर स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिया गया है। सर्वे कार्य कर रहे कार्यकर्ताओ को मास्क और सेनीटाइजर उपलब्ध करवाने एसडीएम को अवगत करवा दिया गया है।
जितेंद्र साव
परियोजना अधिकारी जामगांव(एम)