खनिज रॉयल्टी की चोरी पकडी : जिला प्रशासन ने 18 वाहन जप्त किये

कांकेर। जिला प्रशासन द्वारा 06 मार्च को प्रातः 3:00 बजे से 9:00 के बीच की गई ताबड़तोड़ कार्रवाई से रेत, गिट्टी, लाल ईंट की गाड़ियों को जप्त किया गया, चर्चा यह है कि नए कलेक्टर चंदन कुमार के निर्देश पर और उन्हें लगातार मिल रही शिकायतों के बाद दिए गए निर्देश, पर यह कार्रवाई की गयी । इसमें कुल 20-21 वाहन जप्त की गयी, ये गाड़ियां ग्राम नारा, ग्राम कोडाभाट, कांकेर शहर के दुधावा चौक, ग्राम सीदेसर, ग्राम बागोड़ार में यह सब कार्रवाई की गयी।

इसमें तीन हाईवा जिसमें गिट्टी भरी हुई थी, भी जब्त की गई है, यह जब्ती कार्रवाई कांकेर के एसडीएम यू एस बंदे, प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टर विश्वास कुमार, तहसीलदार मनोज मरकाम, नजूल विभाग के नायब तहसीलदार एच आर नायक, पटवारी जी एल साहू के नेतृत्व में यह छापामारी की गयी ।

इस जब्ती कार्यवाही को लेकर उपरोक्त सामानों के अवैध व्यापार करने वालों में हड़कंप मच गया है और इन्हें संरक्षण देने वाले सत्ता पार्टी के नेताओं में भी भय व्याप्त हो गया है। वह अपने आका जो रायपुर में बैठे हैं, उन्हें संरक्षण के लिए गुहार लगा रहे हैं।

एक बात समझ नहीं आई कि लगातार कांकेर के प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया में इस अवैध काम की सुर्खियां बनी रहती थी, इसके पहले का जिला प्रशासन किसके दबाव में कार्यवाही नहीं कर रहा था, कांकेर की जनता का तो यह मानना है कि पहले चपरासी टाइप के किसी अधिकारी की नियुक्ति थी, जो अपने पद के अनुरूप नहीं बल्कि चाटुकारिता करते हुए अनेक अनियमित काम को शहर में अंजाम दिया है। उसके अनियमित काम का खामियाजा भी वर्तमान जिला प्रशासन भुगत रहा है, पता नहीं कहां था जिला प्रशासन अब जो सक्रिय हुआ है, उससे अवैध और अनियमित काम करवाने वाले सत्ता पार्टी के नेताओं में दहशत व्याप्त हो गया है, वहीं जनता के बीच खुशी की लहर है कि चलो कुछ तो कार्रवाई या प्रारंभ हुई। अब न्याय मिलेगा क्योंकि विपक्ष भी यहां मौन धारण किए हुए हैं क्योंकि शहर की जनता के बीच यह चर्चा है कि कांग्रेस और भाजपा की मिलीभगत से ही यह सब अनियमित काम कांकेर जिले सहित कांकेर शहर में और कांकेर शहर के आसपास में फल-फूल रहे थे, प्रशासन अगर ऐसी ही सक्रिय रहेगी, तो शायद अब शहर की जनता को राहत महसूस होगी और वे सभी चेहरे भी बेनकाब होंगे, जिन्हें शहर की जनता जानती जरूर है, लेकिन उसके बारे में बोलती नहीं है, सत्ता पार्टी को इसका खामियाजा हर हालत में 2023 में भुगतना होगा।

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