? ब्यूरो रिपोर्ट विक्रम कुमार नागेश गरियाबंद
गरियाबंद। गर्मी का मौसम शुरू होते ही पेयजल की समस्या भी बढ़नी शुरू हो गयी है। कही जलस्तर गहराने के कारण पेयजल की किल्लत बढ़ गयी है तो कही लो-वोल्टेज की समस्या के कारण पेयजल संकट गहरा हो गया है। ऐसा ही एक मामला जिले के छूरा विकासखण्ड की गायडबरी पंचायत में देखने को मिला है।
ग्रामीणों के मुताबिक गांव में हैंडपंप के अलावा नलजल योजना संचालित होने के बाद भी उन्हें पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। पिछले सप्ताहभर से गांव के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे
गांव के युवा रणजीत कुमार ने न्यूज़ 24 कैरेट संवाददाता को बताया कि गांव में 4 हैंडपंप है, लेकिन जलस्तर गहरा जाने के कारण उनमें से पानी की जगह हवा निकलना शुरू हो गया है। वही गांव की नलजल योजना भी ठप पड़ी है। जिसके चलते उन्हें पेयजल को लेकर भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
गांव के स्यान लखनलाल ध्रुव ने संवाददाता को बताया कि गांव में पेयजल संकट दिनोदिन बढ़ता जा रहा है। हालात ये है कि एक बाल्टी पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। उन्होंने गांव में लो-वोल्टेज की समस्या बताते हुए स्वयं बिजली विभाग के अधिकारियों से मिलने की बात कही। हालांकि इसके बाद भी विद्युत विभाग के अधिकारियों ने गांव में वोल्टेज समस्या के समाधान को लेकर लखनलाल को ऐसा कोई आश्वासन नही दिया जिससे उनकी परेशानी दूर हो सके।
सरपंच दुलारीबाई के पति रामकिशन ध्रुव ने न्यूज़ 24 कैरेट संवाददाता को बताया कि वोल्टेज समस्या के कारण नलजल योजना ठप हो गयी है। गांव में पेयजल की किल्लत बढ़ गयी है। वोल्टेज सुधारने को लेकर विद्युत विभाग के अधिकारियों से कई बार आग्रह कर चुके है। लेकिन अबतक कोई समाधान नही हुआ।
खडमा सब स्टेशन के जेई विनय कुमार बाघ भी लो-वोल्टेज की समस्या को स्वीकार कर रहे है और जल्द ही इसके समाधान का भरोसा भी दिला रहे है। मगर बड़ा सवाल ये है कि प्यास लगने पर ही कुंआ खोदना कहाँ तक सही है। पंचायत और विद्युत विभाग के जिम्मेदारों ने इसके लिए समय रहते प्लांनिग क्यों नही कि इनकी इस लापरवाही का खामियाजा आज ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।