राजिम माघी पुन्नी मेला में छत्तीसगढ की संस्कृति, खेल, तीज त्यौहार, बोली और व्यंजनों को समावेश कर मूल पहचान को लौटाने का प्रयास किया गया है-ताम्रध्वज साहू

राजिम.राजिम माघी पुन्नी मेला में संत-समागम का उद्घाटन  वृन्दावन के महामंडलेश्वर योगी नवल गिरी महाराज एवं अन्य साधु-संतों के सानिध्य में धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू के मुख्य आतिथ्य एवं सिहावा विधायक लक्ष्मी ध्रुव की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ताम्रध्वज साहू ने कहा कि राजिम माघी पुन्नी मेला में पिछले वर्ष की भांति ही छत्तीसगढ की संस्कृति, खेल, तीज त्यौहार, बोली और व्यंजनों को समावेश कर मूल पहचान को लौटाने का प्रयास किया गया है। मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा मेला के लिए  25 एकड़ जमीन चिन्हांकन कर लिया गया है। आने वाले वर्षों में मेला  चिन्हित स्थान पर लगाया जाएगा ।उन्होंने बताया  कि इस नवीन स्थल में मेला में आने वाले लोगों और साधु संतों के लिए आश्रम, आवास और अन्य सुविधाओ  को विकसित किया जाएगा । मंत्री ताम्रध्वज साहू  ने  कहा कि इस स्थल पर राज्य की धार्मिक, एतिहासिक और पुरातात्विक महत्व को संजोया जाएगा,उन्होंने मेला के सुव्यवस्थित आयोजन के लिए कलेक्टर एवं जिला प्रशासन टीम को बधाई दी।

वृंदावन से आये योगी नवलगिरी महाराज ने शासन के इस आयोजन की खुलकर सराहना किया,उन्होंने कहा कि इस मेले में छत्तीसगढ़ी संस्कृति का सामावेश करने से यह मेला और भी भव्य हो गया है. उन्होने शासन को बधाई दिया. अयोध्या से पधारे जालेश्वर महाराज ने कहा कि आज शासन पुनः अपनी मौलिक संस्कृति की ओर लौट रही है उन्होने कहा कि शासन ने नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी जैसी योजना लेकर आयी है इससे ग्रामीणों को रोजगार के साथ साथ उनकी अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।समारोह में योगीराज स्वामी ज्ञानस्वरूपानंद (अक्रिय) महाराज-जोधपुर, महंत जालेश्वर महाराज- अयोध्या, महंत  रामसुन्दरदास महाराज अध्यक्ष श्रीराजीव लोचन मंदिर, संस्कृताचार्य पंडित रामहेतु गर्ग शास्त्री, सतना (म.प्र.), महंत साध्वी प्रज्ञा भारती, संरक्षक वेदरतन सेवा प्रकल्प छग, पंडित ऋषिराज त्रिपाठी-प्रयागराज (उ.प्र.), महंत उमेशानंद गिरी  महाराज, नवागांव (बुढ़ेनी) एवं विशिष्ट साधु- संतों के साथ साथ कई वरिष्ठ नेता, अधिकारी उपस्थित थे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *