लोकेश्वर सिन्हा
गरियाबंद । तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी के द्वारा जिस बल्दीबाई को सम्मानित किया गया था वही आज छत्तीसगढ़ सरकार के लचर स्वास्थ्य सुविधा और लापरवाही के चलते अपमानित और पीड़ित महशूस कर रही है।
कुल्हाड़ीघाट की बल्दीबाई की गर्भवती नाती बहु और बच्चे की मौत से सरकार और प्रशासन जिम्मेदार हैं। जिस प्रकार लापरवाही और अमानवीय कृत सामने आया है सरकार की स्वास्थ्य योजनाएं कितनी सही हैं और जरूरतमंदों को इनका कितना फायदा मिल रहा है, इस पर एक बार फिर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। रायपुर जिले के एक निजी अस्पताल में महिला और उसके बच्चे की प्रसव के दौरान मौत हो गयी। परिजनों को कर्ज लेकर अस्पताल का बिल चुकाना पड़ा। आरोप है कि पीड़ित परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिल पाया। वही अस्पताल प्रबंधन ने भी इस मामले में खुद को बेबस बताया है।
दरअसल गरियाबंद जिले में कांग्रेस की पोस्टर लेडी के नाम से मशहूर कुल्हाड़ीघाट निवासी बल्दीबाई की बहू और बच्चे की प्रसव के दौरान बीती रात अभनपुर के एक निजी अस्पताल में मौत हो गयी। परिजनों के मुताबिक स्वास्थ्य योजना का लाभ लेने के लिए उन्होंने अस्पताल में राशनकार्ड जैसे जरूरी दस्तावेज जमा किए थे मगर उसके बाद भी उन्हें आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल पाया। परिजनों को तकरीबन 12 घण्टे लाश के साथ अस्पताल में गुजारने पड़े। आज दोपहर 12 बजे परिजनो ने कर्ज लेकर रकम का इंतजाम किया और अस्पताल में इलाज का बिल जमा कराया। तब कहीं जाकर परिजन शव लेकर अपने घर के लिए रवाना हुए।
निजी अस्पताल के डॉक्टर ने भी स्वीकार किया कि पीड़ित परिवार को आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल पाया। सरकार के स्वास्थ्य सुविधाओं की कलाई खोलने के लिए काफी है।
सरकार मामले की गंभीरता को देखते हुए शासकीय अस्पताल और नीजि अस्पताल के द्वारा की गई लापरवाही और अमानवीय कृत पर ठोस कार्यवाही करने के लिए कदम उठाए ना कि नीजि अस्पताल से लिए गए बिल वापसी कराये।