भिलाई। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर एमजे स्कूल में छत्तीसगढ़ दर्शन का आयोजन किया गया। छोटे-छोटे बच्चों ने छत्तीसगढ़ से जुड़ी सारगर्भित जानकारी देने का प्रयास किया। टीचर्स ने उनका सहयोग किया। बच्चों ने छत्तीसगढ़ी पारम्परिक वेशभूषा में कार्यक्रम में शिरकत की। स्कूल प्रबंधन द्वारा पोस्टर प्रदर्शनी, छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के स्टाल लगाए गए। एमजे कालेज ने भी इसमें अपनी हिस्सेदारी दी।
एमजे समूह की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम में सभी बच्चों एवं उनके पालकों को आमंत्रित किया गया था। बच्चों ने शाला के खूबसूरत प्रांगण में ट्रेन राइड के अलावा अनेक खेलों का आनन्द लिया। छत्तीसगढ़ी वेशभूषा में आए इन बच्चों को एक साथ खेलते हुए देखना एक बेहद सुखद अनुभूति थी। पोस्टर प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया था जिसमें पर्यटन महत्व के चित्रों को प्रमुखता दी गई थी। साथ ही छत्तीसगढ़ के प्रमुख व्यक्तित्वों के विषय में भी जानकारी प्रदान की गई। छत्तीसगढ़ी व्यंजनो ठेठरी, खुरमी, अइरसा, बिजौरी, तिलौरी, चिला, फरा, मुठिया और पताल-मिर्च की चटनी का लोगों ने खूब आनन्द लिया।
एमजे स्कूल द्वारा सभी प्रमुख तीज त्यौहारों पर शाला प्रांगण में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। स्कूल की प्रधान अध्यापक मुनमुन चटर्जी ने कहा कि बच्चों को उनकी परम्परा से जोड़ने तथा उसकी यथोचित जानकारी देने के लिए ऐसे आयोजन किये जाते हैं। यह स्कूल की जिम्मेदारी भी है कि वह बच्चों को पाठ्यक्रम के साथ-साथ उनके राज्य के विषय में भी अधिकाधिक जानकारी प्रदान करें। शाम 4.30 बजे प्रारंभ हुए इस कार्यक्रम में लोग 3 घंटे से भी अधिक समय तक जुड़े रहे।