?ब्यूरो रिपोर्ट विक्रम कुमार नागेश गरियाबंद
देवभोग।बिजली विभाग के उपयंत्री के साथ मिलीभगत कर बगैर रुपये जमा कराए ट्रांसफार्मर लगाने के आरोप में गोहरापदर पेट्रोल पम्प संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज। उपभोक्ताओं से रुपये लेकर मद में जमा नही कराता था उपयंत्री ऐसे अन्य 7 मामले में 18 लाख रुपये से ज्यादा के गबन के मामले में विभाग दर्ज कराएगी मामला।गोहरापदर में खुले नए पैट्रोल पम्प तन्मय फियूल्स के संचालक जागेश्वर सिन्हा व अमलीपदर केंद्र के तत्कालीन कनिष्ठ यंत्री अनिल नामदेव के खिलाफ देवभोग पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 एवं विद्दयुत अधिनियम 138(1)के तहत मामला दर्ज कर लिया है।थाना प्रभारी हर्ष वर्धन बैस ने बताया कि विभागीय शिकायत पर मामला दर्ज कर तथ्य जुटाए जा रहे हैं।सबूत एकत्र कर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। बिजली कनेक्शन का कोई रिकार्ड नही गोहरापदर में संचालित पेट्रोल पंप में दोनों के साठ गांठ से बगैर किसी वैधानिक प्रक्रिया के ट्रांसफार्मर व मीटर लगा कर बिजली सप्लाई का आरोप लगाया गया है।मामला दर्ज कराने वाले सहायक अभियंता विनोद तिवारी जब 5 जनवरी को पम्प का निरीक्षण करने पहूचे तो मामले का खुलासे हुआ।शिकायत पत्र में कहा गया है कि ट्रांसफार्मर स्थापित करने 4 लाख36 हजार475 रूपये विभाग के हेड में जमा होना था,प्रक्रिया के तहत विधिवत निविदा जारी करने के बाद काम होता पर नामदेव ने बोर्ड में पैसे जमा कराए बगैर ही काम करा लिया। पम्प संचालक जागेवश्वर सिन्हा ने बताया कि आवश्यक सभी रकम नामदेव को दिए गए हैं।पर उनके द्वारा जमा नही कराया गया है,हमने भी इसकी लिखित शिकायत थाने में दिया है। देवभोग वितरण केंद्र में 18 लाख गबन का मामला अमलीपदर के बाद नामदेव जब देवभोग केंद्र में पदस्थ हुआ यंहा भी ऐसी हरकत करने से बाज नही आया।देवभोग,करचिया,खुटगाव समेत 5 गाव में 7 ऐसे प्रकरण विभाग को मिले है जाहां नामदेव ने कागजी फाइल को विधिवत कम्प्लीट किये बगैर ही बिजली बोर्ड को 18 लाख से भी ज्यादा का चूना लगा दिया , ट्रांसफॉमर,तार,खम्भे समेत अन्य जरूरी सामग्रियों को उपभोक्ताओं के घर लगा दिया।उनसे पूरे पैसे भी लिए पर उसे विभागीय हेड में जमा नही कराया ,नामदेव तबादला होकर बेमेतरा गया तो इसका खुलासा हुआ। जांच के बाद देवभोग सहायक अभियंता सचिन भगत को ई ई ने प्राथमिकी दर्ज कराने निर्देश दिए थे।पर शिकायत के साथ अन्य जरूरी तथ्यों के अभाव में मामला दर्ज नही हो सका है ।सचिन भगत ने कहा कि आवश्यक दस्तावेज सलग्न कर जल्द ही प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।विभाग के कार्यपालन अभियंता बीपी जायसवाल ने कहा कि अनियमतता बरतने वाले कनिष्ठ अभियंता के खिलाफ विभाग के उच्चाधिकारी को प्रकरण भेजा गया है ताकि विभागीय कार्यवाही किया जा सके।