पाटन। दुर्ग लोकसभा के सांसद विजय बघेल के ऊपर निशाना साधते हुए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अश्वनी साहू ने कहा कि विजय बघेल जी बतावे, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब सामाजिक सम्मेलन में शामिल हुए, विजय बघेल ने गले लगा कर फोटो खिंचवाया था? मुख्यमंत्री के गृह ग्राम में विजय बघेल ने मंच साझा किया था? उस दिन नैतिकता कहां गई थी ? अब विजय बघेल नैतिकता का प्रवचन दे रहे हैं ?
उन्होंने कहा कि आप सब को स्मरण होगा की भूपेश बघेल जब जोगी सरकार में मंत्री थे उस समय विजय बघेल ने भूपेश बघेल पर व्यक्तिगत रूप से अनर्गल आरोप लगाया था जिसके परिणाम स्वरूप भूपेश बघेल ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था! विजय बघेल कोई आरोप तो सिद्ध नहीं कर पाए थे परंतु 2018 के चुनाव के पूर्व व्यवहार न्यायालय में मुंह की खानी पड़ी थी! न्यायालय से लिखित में माफी नामा एवं भूपेश बघेल से लिखित में क्षमा याचना कर माफी मांगना उनको याद रहना चाहिए!
छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय मुख्यमंत्री के लिए घटिया स्तर की बातें करना ओछी मानसिकता को प्रदर्शित करता है! दुर्ग सांसद बतावे की धान खरीदी के मामले में केंद्र सरकार राज्य सरकार के संवैधानिक अधिकारों का हनन करने का प्रयास कर रहे हैं उसके बारे में मोदी जी से बात क्यों नहीं कहते ? आखिर छत्तीसगढ़ के किसान भाइयों का भी योगदान आप को जिताने में हैं आखिर आप की चुप्पी किसानों और मतदाताओं का अपमान नहीं है?
पिछले दिनों पाटन में सचिव रोजगार संघ की हड़ताल में समर्थन देने आए विजय बघेल ने मुख्यमंत्री की छवि को खराब करने की कोशिश की है वह बहुत ही निंदनीय है?
15 वर्षों के शासनकाल में भाजपा ने आखिर छत्तीसगढ़ की जनता को क्या दिया बढ़ती हुई बेरोजगारी किसानों के साथ वादाखिलाफी शिक्षाकर्मियों का संविलियन के नाम पर धोखा पंचायती राज व्यवस्था की अधिकारों का हनन बढ़ती हुई नक्सली समस्या से देश के जवानों का शहीद होना बोनस के नाम पर किसानों को ठगना झीरम घाटी की वह घटना जिसमें हमारे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने अपनी जान गवा दी।
इतने दिनों के संसदीय कार्य अवधि के दौरान विजय बघेल ने ऐसा कौन सा तीर मार दिया है या फिर हिमालय के ऊपर झंडा गाड़ दिया हो कोई उपलब्धि हो तो बतावे क्षेत्र के मतदाता जानना चाहती है?