- छत्तीसगढ़ी भाषा में उद्गारों को व्यक्त करने की अद्भुत क्षमता
- मनखे-मनखे एक समान के माध्यम से गुरू घासीदास ने दुनिया को दी महान सीख
पाटन। समीप के ग्राम घुघुवा(क) में बुधवार को गुरु घासी दास जयंती समारोह एवं विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन समारोह का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम की शुरुवात में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने गुरुघासी दास जी का पूजाअर्चना कर क्षेत्र की खुशहाली का कामना किये।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि गुरु घासीदास का मनखे-मनखे एक समान का संदेश हम सबका आदर्श है। कुछ ही शब्दों में गुरु घासीदास जी ने इतना अद्भुत संदेश दुनिया को दिया है। इससे यह भी पता चलता है कि हमारी छत्तीसगढ़ी भाषा में हृदय के उद्गारों को व्यक्त करने की कितनी अद्भुत क्षमता है। गुरु जी ने एक ऐसे समाज की कल्पना की जहाँ सभी लोग बराबर है। यह आदर्श का समाज है। उनकी संकल्पना के अनुरूप छत्तीसगढ़ में हम सब बहुत सद्भाव से रहते हैं। सदभाव हमारी संस्कृति का मूल है। गुरुदेव ने हमेशा सत्य आचरण की बात कही, इसका गहरा प्रभाव हमारे छत्तीसगढ़ी समाज पर पड़ा है। सरल सहज छत्तीसगढ़ी समाज के पीछे महापुरुषों के आदर्श का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि गुरु घासीदास ने अपने समय के प्रश्नों का उत्तर समाज को दिया। उन्होंने कहा कि सत्य ही ईश्वर है। सत्य सभी जगह व्याप्त है। केवल सत्य को जानने की जरूरत है। गुरुजी ने कहा कि सत्य मानव का आभूषण है। जैसे हमारे गहने हमारी तन को सुंदर दिखाते हैं। वैसे ही सत्य हमारे मन का आभूषण है। जो सत्य की राह पर चलता है उसे प्रशंसा मिलती है। शांति मिलती है। भाईचारा बढ़ता है। गुरुजी के वचन सबको समभाव से देखने वाले हैं। जब हम सबको समभाव से देखते हैं तो अपने आप हमारे भीतर प्रेम उपजने लगता है और इसी तरह से हम मनख- मनखे एक समान का संदेश हमारे भीतर उतरने लगता है। केवल कुछ ही शब्दों में गुरु घासीदास जी ने इतनी महान बात कह दी। मनखे-मनखे एक समान, यह महान संदेश है। यह सभी प्रकार के भेदों को समाप्त कर देता है।सब सत्य के रास्ते पर चले खानपान सब एक हो तभी सतनामी कहलाएगा। हर तरह के भेदों को त्यागकर सभी मनुष्यों को एक ही धरातल पर खड़ा करता है। यह भी देखिये कि छत्तीसगढ़ी भाषा में कितना शक्तिशाली शब्द वाक्य कहा गया है। हमारी छत्तीसगढ़ी भाषा भावों के प्रबल वेग के उदगार को बहुत सुंदरता से प्रगट करती है। गुरु घासीदास जी के दिखाये हुए संदेश पर चलने की आवश्यकता है। छत्तीसगढ़ में कई महापुरुष हुए हैं। पंडित सुंदरलाल शर्मा ने भी इस संबंध में अहम कार्य किया था। गांधी जी ने कहा था कि मैं जो दलित उत्थान का कार्यक्रम कर रहा हूँ। पंडित सुंदरलाल शर्मा इसमें अग्रणी रहे है। छत्तीसगढ़ में हमारे महापुरुषों ने सभी भेदभाव को मिटाने की कोशिश की। इससे सुंदर छत्तीसगढ़ी समाज हमारा तैयार हुआ है। सत्य और अहिंसा का जो संदेश गुरु घासीदास ने दिया। वही संदेश महात्मा गांधी ने दिया। उन्होंने इन्ही अस्त्रों से अंग्रेजों को दिला दी। मनुष्य का बुनियादी गुण अहिंसा है। छत्तीसगढ़ की भूमि हमारी बहुत समृद्ध है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायत की मांग पर उन्होंने घुघुवा जलाशय गहरीकरण और सौन्दर्यकरण की स्वीकृति प्रदान किया।
मंच पर तहसील सतनामी समाज पाटन अध्यक्ष सोहन बघेल,जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष निर्मल कोसरे, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अशोक साहू,जनपद अध्यक्ष रामबाई सिन्हा,जनपद उपाध्यक्ष देवेंद्र चंद्रवंशी,ब्लॉक अध्यक्ष महेंद्र वर्मा सहित अन्य थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सोहन बघेल ने कहा कि जयंती हर शख्स की नही मनाई जाती है बल्कि जयंति उनकी मनाई जाती है जो अपना पूरा जीवन समाज के सेवा में समर्पित कर देता है।
जिला अध्यक्ष निर्मल कोसरे ने कहा कि मनखे मनखे एक बराबर का संदेश दिया था। राज्य सरकार बाबाजी के दिखाए रास्ते पर चल रही है।
स्वागत भाषण सरपंच लोकेश्वर साहू ने दिया। एवं पेंशन और आवास की समस्या को दूर करने की मांग रखा।मंच संचालन अश्वनी साहू ने किया।आभार प्रदर्शन धर्मेंद्र वर्मा ने किया।
मौके पर मुख्यमंत्री के ओएसडी आशीष वर्मा, नगर पंचायत पाटन अध्यक्ष भूपेंद्र कश्यप,पूर्व जिला पंचायत सदस्य राकेश ठाकुर, विजय साहू,संजय यदु, मेहत्तर वर्मा,जनपद सदस्य दिनेश साहू, रमन टिकरिहा,रूपचंद साहू,ललित सिन्हा, अवधेश शर्मा,सुरेंद्र गायकवाड़, जनपद सदस्य डागेश्वरी धनकर,रूपेंद्र शुक्ला,तरुण बिजौर,योगेश्वर वर्मा, रोहित साहू, पुष्पा वर्मा,राजेश ठाकुर,पप्पू जोशी,आभाष शर्मा,पुनीत भारती, श्रीमती हेमलता साहू,योगेश चतुर्वेदी, रेवाराम भारती,आशा निषाद, गिरधारी साहू, लीलाधर शर्मा, सुमित्रा भारती, शिलेन्द्री साहू सहित अन्य उपस्थित थे।