समग्र ब्राह्मण परिषद् के प्रतिनिधियों ने ली ब्राह्मणोंचित संस्कृति के संरक्षण की शपथ

बिलासपुर। जिले के सरकंडा स्थित मुस्कान भवन में रविवार को समग्र ब्राह्मण परिषद् छत्तीसगढ़ की परिचय बैठक संपन्न हुई. समग्र ब्राह्मण परिषद् रायपुर के जिलाध्यक्ष पं.दीपक शुक्ला जी ने जानकारी देते हुये बताया संगठन स्थापना के पश्चात संगठन प्रतिनिधियों के परिचय एवं वर्ष 2021 में प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थानीय स्तर पर समाजोपयोगी कार्ययोजना बनाने के उद्देश्य से इस बैठक का आयोजन किया गया था।

संगठन की प्रदेश स्तरीय बैठक के आरम्भ में दीप प्रज्वलन सहित स्वस्ति वाचन, श्रीगणेश वंदना, भगवान श्री परशुराम पूजन हुआ उसके बाद श्रीमती आरती उपाध्याय ने कार्यक्रम की रुपरेखा से उपस्थित प्रतिनिधियों को अवगत कराया.

मंच से प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए श्रीमती निलिमा शर्मा ने बताया कि “समग्र ब्राह्मण परिषद्” की स्थापना मूलतः सामूहिक निर्णय सिद्धांत पर आधारित है जिसकी अभिप्राय है एकल नेतृत्व की बजाय निर्धारित संख्या के स्वजनों के समूह या समाज एवं धर्म के प्रति नि:स्वार्थ भाव से समर्पित प्रतिनिधियों के सामूहिक नेतृत्व के माध्यम से संगठन का संचालन होना।
संगठन के सभी सहयोगियों का एकसमान महत्व और उनके द्वारा सुझाये गये समायोपयोगी प्रस्ताव पर वैचारिक तथा धरातल स्तर पर क्रियान्वयन ही “समग्र ब्राह्मण परिषद् छत्तीसगढ़” की कार्यप्रणाली की विशिष्टता दर्शाती है

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित नगर विधायक शैलेश पांडेय की धर्मपत्नी श्रीमती रितु पांडेय ने अपने संबोधन में संगठन के बीस सूत्रीय उद्देश्य एवं संगठन संचालन कार्यशैली की सराहना करते हुए सामाजिक संगठन के रुप में समग्र ब्राह्मण परिषद् छत्तीसगढ़ के कार्यों को अभिनव प्रयास बताया. विशिष्ट अतिथि छत्तीसगढ़ प्रदेश महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती हर्षिता पांडेय ने स्थापना के अल्प समय में संगठन द्वारा किये गये कार्यों को समाजोपयोगी बताते हुये संगठनात्मक प्रयासों में यथासंभव सहयोग का आश्वासन दिया. विशिष्ट अतिथि डा.प्रदीप शुक्ला ने अपने उद्बोधन में समाज के वर्तमान परिवेश पर चिंता व्यक्त करने हुये बैठक में उपस्थित मातृशक्ति से परिवार में ब्राह्मणोंचिंत संस्कार को बनाये रखने का आव्हान किया

अतिथि उद्बोधन के बाद समग्र ब्राह्मण परिषद् छत्तीसगढ़ की मुख्य, मातृशक्ति एवं युवा आदि अनुषांगिक अंगों की बैठक हुई जिसे अनुषांगिक अंगों के पदाधिकारियों के रुप में श्रीमती विजयलक्ष्मी तिवारी, श्रीमती पुष्पा पांडेय, श्रीमती शशि द्विवेदी, श्रीमती सुषमा पाठक, श्रीमती ममता पांडेय, श्रीमती हेमलता शर्मा, श्रीमती प्रमिला तिवारी, श्रीमती आंचल शुक्ला, पं.रामानुज तिवारी, पं.प्रेम शुक्ला, पं.राजेन्द्र कृष्ण पांडेय, पं.मणिकांत पांडेय, पं.अजय शर्मा, पं.अखिलेश त्रिपाठी, पं.अजय पाठक, पं.नीरज मिश्रा, पं.कृष्ण कुमार पांडेय, पं.संस्कार दुबे ने संबोधित किया।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में समग्र ब्राह्मण परिषद् छत्तीसगढ़ के प्रदेशाध्यक्ष ने संगठन प्रतिनिधियों को संगठन के दायित्व को ब्राह्मण समाज के प्रति जिम्मेदारी और विश्वास के रूप में अपनाने की बात कही, उन्होंने का कि सामाजिक संगठन का दायित्व कोई सम्मान या अधिकार नहीं है बल्कि यह समाज और सनातन धर्म के प्रति जिम्मेदारी का संकल्प है अतः दायित्व का उपयोग कभी भी वर्चस्व स्थापित करने या एकाधिकार करने के उद्देश्य से बिल्कुल नहीं होना चाहिए. समग्र ब्राह्मण परिषद् छत्तीसगढ़ की कार्यशैली सामूहिक सहभागिता पर आधारित है और इस संगठन में दायित्व स्वयं को सुशोभित करने के लिये नहीं बल्कि ब्राह्मण समाज के लिये स्वयं संकल्पित कर्तव्यों की पूर्ति के लिये ही बनाये गये हैं।

संगठन स्थापना के बाद पहली बार हुई इस प्रदेश स्तरीय बैठक में उपस्थित सभी संगठन प्रतिनिधियों को आचार्य पं.राजेन्द्र कृष्ण पांडेय द्वारा पहले संस्कृत उसके बाद पं.अखिलेश त्रिपाठी ने हिन्दी में संगठन के प्रति एवं ब्राह्मणोंचिंत संस्कृति संरक्षण की सामूहिक शपथ दिलाई गई।

बैठक में श्रीमती सुषमा पाठक एवं श्रीमती निलिमा शर्मा ने मंच संचालन किया। बिलासपुर मातृशक्ति परिषद् एवं युवा परिषद् के संयुक्त मार्गदर्शन में हुई इस बैठक में रायपुर जिले से पं.गोपालधर दीवान, पं.संदीप शर्मा, पं.अजय पाठक, पं.अनुराग त्रिपाठी, पं.अखिलेश त्रिपाठी, पं.उमाकांत तिवारी, प्रमिला तिवारी, आरती उपाध्याय, प्रमिला तिवारी, आरती उपाध्याय, स्वाति मिश्रा, आभा शुक्ला, उपस्थित थे।

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