पाटन। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अश्वनी साहू ने केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि बिल के खिलाफ किसानों द्वारा आंदोलन के ऊपर कटाक्ष करते हुए कहा कि आज धरती के भगवान मोदी राज में परेशान है। उन्होंने कहा कि हम सब छत्तीसगढ़ के आकाशवाणी रायपुर से बचपन में दो गीत सुना करते थे,आज अचानक स्मरण हुआ……
गीतकार लक्ष्मण मस्तूरिया , मोर राजा दुलरवा बेटा तै नांगरिया बन जाबे, तै नंगरिहा बन जाबे, पानी पियाए बर धरती ला बदरिया बन जाबे, तै बदरिया बन जाबे,एवं धुरवाराम मरकाम के गीत मोर जतन करो रे मैं माटी महतारी अव , सुख-दुख के जतन करइया मैं माटी महतारी अव।
2014 के पूर्व कांग्रेस के यूपीए की सरकार की साख गिराने के लिए विपक्षी राजनीतिक दल एवं उस समय अपने आप को सामाजिक कार्यकर्ता एवं राष्ट्रभक्त के रूप में पेश करने वालों ने दिल्ली में लोकपाल विधेयक के लिए आंदोलन किया था। कांग्रेस की सरकार के खिलाफ जबरिया जन आक्रोश पैदा किया,परिणाम कांग्रेस की सरकार नहीं रही। लोकपाल विधेयक का क्या हुआ सबको पता है? लेकिन आज किसानों का स्वमेव आंदोलन दिल्ली में तीन कृषि बिल के विरोध में चल रहा है,किसान अपने दम पर आंदोलन कर रहा है कुछ राजनीतिक दल का समर्थन है जिसमें कांग्रेस पहले नंबर पर है। इतने दिन तक आंदोलन चलने के बाद भी कुंभकरण की निद्रा में सोने वाली सरकार जग नही रही हैं। विगत 6 सालों में मोदी सरकार के खिलाफ देश के नामचीन साहित्यकार,लेखक,पत्रकार, कवि आदि लोगों ने अपने अवार्ड वापसी की घोषणा की थी। अभी हमारे देश के भूतपूर्व सैनिकों ने अपने अवार्ड वापस करने की घोषणा की और राष्ट्रपति से समय मांगा। खिलाड़ी पुलिस अधिकारी भी इसी क्रम में हैं, और किसानों का समर्थन कर रहे हैं। यह सब देश के अन्नदाता एवं धरती के भगवान के समर्थन में है आंदोलन आज तक चल रहा है इसका राज केवल इतना है कि इस आंदोलन में रामदेव बाबा,अन्ना हजारे जैसे जयचंद नहीं है। मैं किसान की धैर्यता एवम संयम को प्रणाम करता हूं।