पाटन. मौसम का मिजाज बदलने से चिंतित किसानों की मुसीबत गुरुवार को दिन में हुई कहीं जोरदार तो कहीं रिमझिम बारिश ने बढ़ा दी। इस बारिश में शासन द्वारा समर्थन मूल्य में किसानों से खरीदी गई हजारों क्विंटल धान के अलावा बेचने के लिए रखी किसानों की सैकड़ों क्विंटल धान भी भीग गई।
पाटन विकासखण्ड में कहीं जोरदार तो कहीं रिमझिम बारिश हुई। बारिश से खुले में पड़ी धान और बोरे में भरी धान के गीले होने पर खरीदी केंद्रों में धान की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम करने के दावे खोखले साबित हुए।
सेलूद,फुंडा, फेकारी में सोसायटी के प्रबंधकों द्वारा बारिश से धान को बचाने के लिए त्रिपाल से ढाका गया है। जबकि तर्रा, जामगांव(एम), पहंडोर,सांकरा,आदि खरीदी केंद्रों में बारिश से धान को बचाने पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से काफी मात्रा में धान गिला हो गया। अन्नदाताओं के अनाज और खरीदे जा चुके अनाज को सुरक्षित रखे जाने की पूरी जवाबदारी वैसे तो सोसायटी प्रबंधक पर होती है। लेकिन अचानक बारिश होने पर जिले के अनेक खरीदी केंद्रों में प्रबंधकों द्वारा अनाज को सुरक्षित रखने के लिए उचित प्रबंध नहीं किया गया जिसका पोल आज खुलते दिखा।