अंडा. अंधविश्वास ने एक नाबालिग की जिंदगी छीन ली। विज्ञान के इस युग में अन्धविश्वास की जड़ें आज भी गांव में जीवित है यह सोचना भी अजीब सा लगता है पर दुर्ग जिले के अंडा थाना क्षेत्र में हुए एक घटना ने दिल दहला कर रख दिया है। दुर्ग जिले के आलबरस में रहने वाले पंचुराम देशमुख को उसके मित्र धनराज नेताम ने फांसी की रस्सी से पूजा पाठ कर पैसा झडऩे की बात बताई जिसको लेकर वह कम समय में इस टोने टोटके से जल्दी पैसा बनाना चाहता था। वह कई दिनों से फांसी की रस्सी की जुगाड़ में लगा हुआ था वही रस्सी का इन्तेजाम नहीं होने पर उसने अपने दूर के नाबालिग साले रूद्र नारायण देशमुख की हत्या करने की योजना बना डाली। 23 दिसम्बर की सुबह अपने परिचित के साथ मेला देखने जाने वाले नाबालिग को यह भी नही पता था कि आज अंधविश्वास उससे उसकी जिंदगी छिनने वाला है। आरोपी पंचुराम देशमुख नाबालिग को मेला दिखाने की बात कहकर अपने साथ लेकर गया जहां उसने आलबरस और निकुम मार्ग के बीच सुनसान खेत में जाकर शराब पी और 15 वर्षीय मृतक को भी शराब पिलाई। जिसके बाद आरोपी ने अपने पास रखे रस्सी से मृतक का गला घोटकर मौत की घाट उतार दिया। हत्या के बाद आरोपी ने एक कागज में मौत का तारीख व समय, मृतक उसका नाम लिखकर अपने जेब में रखा व वहा से फरार हो गया। इस घटना की जानकारी उसने धनराज नेताम को दी। आरोपी ने धनराज से कहा कि फांसी वाला रस्सी का जुगाड़ हो गया है आरोपी ने देर रात 2 बजे घटनास्थल पर जाकर शव को पैरा से जलाकर फरार हो गया। पुलिस ने भी मामले में अज्ञात मृतक के नाम से मर्ग कायम किया था जिस पर गुम इंसान की पतासाजी करने पर आस-पास के इलाके में जानकारी हुई की बालोद जिले के अर्जुन्दा थाने में 26 तारीख को गुम इंसान रुद्रनारायण देशमुख के नाम पर मामला पंजीबद्ध है। पुलिस ने शव से मिले कुछ साक्ष्य परिवार वालो को दिखाए जिस पर मृतक की पहचान की गई। वही मृतक के परिजन भी पंचुराम से संपर्क साध रहे थे पर कोई संपर्क नही हो पा रहा था। रूद्र नारायण का शव मिलने के बाद से ही आरोपी पंचुराम देशमुख गायब था जिससे पुलिस के शक की सुई गहराने लगी घटना की जांच जब पुलिस ने की तो पता चला की मृतक और पंचुराम साथ-साथ उठते बैठते थे। पुलिस ने पूछताछ के लिए पंचुराम का पता लगाया तो पुलिस को धमतरी के नगरी के पास बोराई गांव में उसके होने की सूचना मिली जिस पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया तो आरोपी ने सच उगल दिया। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की गई आरोपी ने पुलिस को बताया कि धनराज नेताम से ढाई साल पहले उसकी दोस्ती हुई थी जब धनराज गांव में बंदर भागने के आया हुआ था। धनराज ने ही उसे फांसी की रस्सी से पैसा निकालने का तरीका बताया था और कहा कि यदि तुम फांसी लगा हुआ रस्सी लाकर मुझे दो तो उसका पूजा पाठ से बहुत सारे पैसे झड़ा सकता हूं और तुमको लखपति बन दूंगा वही यदि तुम मुझे फांसी लगा रस्सी लाकर दोगे तो 1 लाख रूपये दूंगा जिसके झांसे में आकर आरोपी ने पूरी घटना को अंजाम देने स्वीकार किया है।
बहरहाल पुलिस ने आरोपियों के पास से मृतक की साईकिल की चाबी, फांसी की रस्सी और नोट किया हुआ कागज जप्त कर लिया है। इस मामले में दोनों आरोपी के खिलाफ हत्या के षडय़ंत्र व सबूत छुपाने का मामला पंजीबद्ध कर आरोपियों को जेल भेजा दिया गया वही एसएसपी अजय यादव ने इस मामले का खुलासा करने वाले टीम को 20 हजार इनाम देने की घोषणा की है।