- ग्राम पाहंदा में 27,28 व 29 को रामकथा महोत्सव का आयोजन
- रामकथा से एक दिन पूर्व पत्रकार वार्ता में दी जानकारी
पाटन । परमपुज्य दीदी माँ मंदाकिनी श्रीराम किंकर के द्वारा ग्राम पहांदा में श्रीराम कथा महोत्सव को लेकर प्रेस वार्ता लिया। जिसमें मंदाकिनी राम किंकर ने राम कथा आयोजन के सम्बन्ध में बताया कि गाँव गाँव में कथा आयोजन कराकर युवाओं को राम के जैसे संस्कार वार बनाने का कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग को अधिक से अधिक संख्या में धार्मिक कार्य में जुड़ने की जरुरत है। राम ने अपने जीवन में त्याग ही किया है ।जीवन के अंतिम व्यक्ति के कहने पर भी उन्होंने अपना धर्म निभाया है । भगवान राम ने कठोर व्यवहार करने वाले को भी माफ कर दिया । भगवान राम के अंदर करुणा बहुत विशाल है उनमें अनंत गुण है । युग तुलसी शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। गुरु महाराज के बारे में बताते हुए कहा कि महराज के चिंतन शैली ने सभी जन मानस को प्रभावित किया । सबसे बड़ा चमत्कार राम नाम में है ।राम के नाम लेने बड़े से बड़े काम सहजता से हो जाते है।
।वर्तमान में मोबाइल का बढ़ते उपयोग के बारे में। बताया की वर्तमान में गूगल गुरु ही दिशा देने का काम कर रहा है साथ ही मोबाइल का दुरुपयोग युवाओं को दिशा से भटका रहा है । धार्मिक दृष्टि से देखते है तो हिन्दू धर्म बहुत प्राचीन धर्म है।
पाश्चात्य सभ्यता ने हमारी लाइफ स्टाइल को बदल दिया है।
मनुष्य जीवन मिलने का उद्देश्य को जानने की जरुरत बहुत आवश्यक है। हमें मानव जन्म क्यों दिया गया है।
गाँव से सुधार कार्य की शुरुआत बहुत जरुरी है। परिवर्तन की कहां पर आवश्यकता है इसकी भी परख करनी पड़ेगी। पारिवारिक और नैतिक मुल्य समाप्त हो रहा है । उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ के लोगों को अयोध्या में विशेष सम्मान मिलता है । क्योंकि राम यहां का भाँचा है। अभी भी हम धार्मिक चीजो की ओर लौट सकते है ।
गाँव में भेदभाव की भावना लुप्त हो गई । ग्राम पाहंदा में सभी गाँव वालो ने मिलकर बजरंग बली के मांदिर का निर्माण किया गया है ।मनुष्य में मनुष्यता कैसे आये यह प्रयास करना बहुत आवश्यक है।शक्ति स्फुर्ती सब हमे हनुमान जी महराज से प्राप्त होगी ।राम कथा सबके मन में जगे यह महत्वपूर्ण है ।
उन्होंने बताया कि गुरुदेव के अस्वस्थ के चलते मुझे कथा करने के मार्ग में ले आ आई । विज्ञान विषय में कि डाक्टरेट की विद्यार्थी होने का लाभ भी मिला है राम किंकर जी महराज युग दृष्टा थे। गुरु महराज जी ने मुझसे अंग्रेजी में युग तुलसी की कथा कराई । पहले कान्वेट स्कुल और हिन्दी स्कुल में कोई अंतर नहीं था । कान्वेट स्कुल मे हमें अपने शिक्षक के द्वारा छोटी से छोटी बात को सिखाई गई है वर्तमान में शिक्षा में वैश्विक रुप से भिन्नता आई है ।हर जगह जैसे विकृति आई वैसे ही कान्वेट में भी विकृति आई है ।मनुष्य में विशेषता भी है और लघुता भी है यह हर क्षेत्र में है ।विवादो से हटकर कुछ लोग भी राम कथा में जुड जाये ।यही बहुत महत्वपूर्ण है।उन्होंने बताया कि आज कथा में भीड़ तो जरूर उमड़ती है लेकिन कथा को सुनते बस है लेकिन अपने जीवन में कथा को अमल में लाना जरूरी है।अभी वर्तमान में दुर्गुण वाले जल्दी सगंठित हो जाते है । उन्होंने पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि बच्चा एक ही हो लेकिन संस्कारवान, स्वामी विवेकानंद , शंकराचार्य जैसे हो वो भी सनातन धर्म को सेवा करेगा तभी जीवन सफल हों पाएगा। पत्रकार वार्ता में नंदलाल साहू चेतन देवाँगन विश्वकर्मा पाल मानसिंग पटेल पीलाराम शर्मा सुरेखा शर्मा जितेन्द्र सोनी उपस्थित थे ।