किसानों का नहीं कट पा रहा है टोकन,खरीदी केन्द्रो मे बफर से भी ज्यादा धान, परिवहन नहीं होने से आने वाले दिनों मे होंगी दिक्क़ते

  • जिला पंचायत उपाध्यक्ष अशोक साहू ने किया धान खरीदी केंद्र का निरीक्षण

पाटन।खरीदी केंद्रों में समर्थन मूल्य पर धान बेचने टोकन लेने किसान परेशान है। ऑनलाइन टोकन एप रोजाना सुबह 9.30 बजे खुलता है और 10 से 15 मिनट में ही सारे समितियों के टोकन कट जाते है। इसके चलते समितियों से किसानों को मैनुअल टोकन नहीं मिल पा रहा है। किसानों को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है।वही बड़े किसानों को टोकन के लिए केवल 20प्रतिशत ही किसानों को टोकन कटने से किसान काफी परेशान हैं. धान की मिजाई हो जाने के बाद किसान धान की रखवारी कर रहे हैं और धान को बेचने के लिए किसान टोकन के चककर काट रहे है।

निरीक्षण के लिए जिला पंचायत दुर्ग उपाध्यक्ष अशोक साहू पहुंचे खरीदी केंद्र
ज़िप दुर्ग उपाध्यक्ष अशोक साहू आज धान खरीदी केंद्र तेलीगुंडरा पहुंचे जहां किसानों से चर्चा किए।किसानों ने खरीदी मे टोकन के लिए हो रही रही समस्या को बताए तभी उपाध्यक्ष ने कलेक्टर व एसडीएम फोन करके समस्याओं से अवगत किए।उपाध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार की नीति व नियत साफ नहीं हैं किसानों को अभी से समस्याओ का सामना करना पड़ रहा हैं जो की आगे और भी समस्याए होंगी। यह सरकार किसान हितैषी नहीं हैं।समस्याओ को अधिकारी भी सुधार नहीं पा रही हैं जिसके चलते अधिकारी भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं।इस अवसर पर जनपद सदस्य दिनेश साहू सहित किसान उपस्थित थे।

जानकारी के अनुसार जैसे उदाहरण टोकन तुहर हाथ मोबाइल ऍप के माध्यम से टोकन ऑनलाइन 600 क्विंटल आवेदन किया जा सकता हैं| जिसमे से सीमांत किसान लिए उपलब्ध मात्रा 300 क्विंटल,लघु किसान 200 क्विंटल दीर्घ किसान के लिए उपलब्ध मात्रा 100 क्विंटल का ही कटेगा।इस प्रकार बड़े किसानों को काफी समस्याओ का सामना करना पद रहा है।
टोकन के लिए सेंटरो मे सुबह से ही किसानो की लग रही हैं भीड़ —
टोकन कटाने के लिए किसान सुबह 9 बजे से ही मोबाईल हाथ मे लेकर बैठ जाते हैं जैसे ही समय पर पोर्टल खुले और टोकन काट ले वही कई किसान च्वाइस सेंटरो मे टोकन कटवाने के लिए पहुंच रहे गई।सेंटरो ने काफी भीड़ हैं.लेकिन टोकन सर्वर सहित अन्य कारणों से पोर्टल खुलता नहीं और किसान टोकन नहीं काट पाते.कुछ समय बाद15 मिनट मे ही लिमिट ख़त्म हो जाता है और किसान मायूस होकर घर लौट जाते हैं।किसान काफी परेशान हो रहे हैं।

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