पाटन। विद्युत विभाग अपने कर्मचारियों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दे रहा है। बिजली कर्मी बिना सुरक्षा उपकरण के खंभे में चढ़कर काम करते नजर आते हैं। ठेका कंपनियां भी बिजली सुधार कार्यों में सुरक्षा की अनदेखी करते है। इसे देखने वाला कोई नहीं है। बारिश के समय दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। साथ ही अगर बिजली चालू हो जाए ताे बचने का कोई चांस नहीं रहता।
बिजली कर्मचारी बिना सुरक्षा उपकरण के खंभों में चढ़ जाते हैं। उनका तर्क होता है कि बिजली बंद कर सुधार कार्य किया जाता है। लेकिन 30 से 40 फीट ऊंचाई पर चढ़कर काम करते समय न तो उनके सिर पर टोपी होती है और न ही हाथों में दस्ताने। इससे दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है। कई बार काम करते समय बिजली आ जाती है। इससे झटके के कारण भी कर्मचारी सीधे करंट लगने का डर रहता है। इसके बाद भी लापरवाही बरती जा रही है।
कोई सेफ्टी बेल्ट नहीं बांधता….सुरक्षा उपकरण है जरूरी
30 से 40 फीट ऊंचाई पर काम करने के बाद भी अधिकांश कर्मचारी सेफ्टी बेल्ट नहीं बांधते। खंभे से गिरने पर मामला दबा देते हैं। बिजली विभाग के अधिकांश काम ठेके पर चल रहे है। जहां सुरक्षा के उपाय नहीं किए जाते। तर्रा भिलाई 3 सड़क मार्ग किनारे बिजली पोल में तार लगाने का काम चल रहा है जहां पर ठेकेदार द्वारा श्रमिकों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
बिजली कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए जूता, हेलमेट, दस्ताने दिए जाते हैं ताकि बारिश के समय आसानी से काम कर सकें। कई बार कर्मचारी बारिश में सब स्टेशन या लाइन में फाल्ट को सुधारने पहुंचते हैं। इस वजह से करंट फैलने की आशंका रहती है। बिना सुरक्षा उपकरण के जाने से जान को खतरा बना रहता है। कई बार हो चुके हादसों के बावजूद बिना सुरक्षा उपकरण के सीढ़ी लगाकर 11केवी तार को सुधारता कर्मचारी।