लोधी समाज की पहल से अमरकंटक में विधर्मियों द्वारा बंद किए गए धर्मशाला की खुली ताला

अमरकंटक। नर्मदा नदी की उद्गम स्थल एवं साधु संतों की तपोभूमि मध्य प्रदेश के अमरकंटक में लोधी समाज के कई संत पीढ़ी दर पीढ़ी तपस्या करते हुए ब्रह्मलीन हुए। कुछ दिनों पहले एक संत अर्जुन देव भीम भैरू बाबा ने ब्रह्मलीन हुए। वर्तमान में मोहित दास व मोहन दास संत तपस्या कर रहे हैं । वैसे तो साधु संतो की कोई जाति नहीं होती किंतु साधुओं के प्रति सामाजिक आस्था की वजह से वहां अधिकतर सामाजिक लोगों का आना जाना शुरू हो गया है और यही सामाजिक लोगों के सहयोग से दो छोटे-छोटे छपरी वाला मकान धर्मशाला बनाया गया था। जिसमें श्रद्धालु गण रात्रि विश्राम करते थे। जिसे कुछ विधर्मियों द्वारा उक्त धर्मशाला में कुछ माह पूर्व ताला लगा दिया गया था। जिसे 25 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ प्रदेश लोधी समाज के अध्यक्ष घनश्याम वर्मा द्वारा अपने पदाधिकारी सहित अमरकंटक पहुंचकर मुख्य नगर पालिका अधिकारी अमरकंटक भूपेंद्र सिंह को ज्ञापन सौपा एवं वहां के वार्ड क्रमांक 14 के पार्षद दिनेश द्विवेदी एवं सीएमओं के सहयोग से उक्त ताला तोड़कर समाज के पदाधिकारी को प्रवेश कराया गया।

इस अवसर पर समाज के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम वर्मा, जगदीश वर्मा, सुखदेव वर्मा, देवेंद्र राजपूत, बाबा हरिशंकर वर्मा,राम रतन राजपूत, बबलू राजपूत ,मुचकुंद राजपूत,ओम प्रकाश राजपूत,जितेंद्र वर्मा, अश्वनी वर्मा, बसंत वर्मा, ललित राजपूत, बाबूलाल राजपूत, बीपत राजपूत, रमेश राजपूत, प्रेम प्रकाश राजपूत, भूपेंद्र राजपूत, सुरेंद्र सिंह राजपूत, धर्मेंद्र राजपूत,राजेश्वर राजपूत,धीरपाल लोधी, देवराज वर्मा, नारायण राजपूत, मनोज वर्मा, युगल वर्मा, अखिलेश वर्मा, मस्तराम वर्मा,शोभाराम वर्मा एवं बड़ी संख्या में लोधी समाज के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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