कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में स्थित भोरमदेव वन्यजीव अभ्यारण्य (कवर्धा वनमंडल) में 27 से 29 सितंबर 2024 तक चलने वाले ‘प्रथम तितली सम्मेलन’ में विभिन्न राज्यों के 200 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। तितलियों की पहचान करने वनमंडल के द्वारा अभ्यारण्य के अंदर 10 ट्रेल बनाये गये थे। 3 दिन तक चलने वाले तितली सम्मेलन में कुल 87 प्रकार की तितलियों की पहचान की गई। भिलाई से आये हुवे रेलवे में कार्यरत एवं वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर अनूप नायक ने बताया कि इसके पहले कुल 116 तितलियाँ पहचान श्री गौरव निहलानी द्वारा की गयी थी, जिन्होंने तितलियों की पहचान के लिये भोरमदेव ऑफ बटरफ्लाई की पुस्तक भी लिखी गयी।
इस सम्मेलन के दौरान 6 और नये प्रकार की तितलियों की पहचान भोरमदेव अभ्यारण्य में की गई है, जिनमें पॉइंटेड सिलियेट ब्लू, कॉमन बूश हॉपर, मूरे ऐस, रिस्ट्रिक्टेड डिमोन, लाँग ब्रांडेड बुश ब्राउन एवं डार्क वांडरर है।
श्री अनूप नायक ने यह भी बताया कि भोरमदेव अभ्यारण में अपने खास पत्ती नुमा जैसे दिखने वाली तितली “ऑरेंज ओकलिफ़” के लिये प्रसिद्ध है। इसका छलावरण के कारण यह शिकारियों से बचे रहती है। जिसे देखने के लिये देश के विभिन्न राज्यों से तितली एक्सपर्ट आये हुवे थे।
अंकित कुमार पाण्डेय, अधीक्षक, भोरमदेव अभ्यारण्य कवर्धा ने बताया कि तितली प्रेमियों को पहली बार भोरमदेव अभ्यारण्य की विविध तितलियों के दर्शन का अवसर प्राप्त हुआ। अभ्यारण्य की समृद्ध तितलियों की विरासत और विविधता की अलौकिक दुनिया के समक्ष प्रदर्शित होगा।
शशी कुमार, वनमंडलाधिकारी कवर्धा ने कहा कि भोमरेदव अभ्यारण्य में तितलियों का सर्वेक्षण का यह प्रथम संस्करण है आगे और भी तितलियों एवं अन्य वन्यजीवों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सर्वेक्षण कार्य प्रारंभ किये जायेंगे। उन्होंने इस कार्यक्रम में प्रत्यक्ष एवं प्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वालें समस्त अधिकारी, कर्मचारीगण एवं प्रतिभागियों को बधाई दी।।