•एंटी रैगिंग समिति ने रैगिंग के दुष्प्रभावों पर डाला प्रकाश, छात्रों ने लिया हिंसा से दूर रहने का संकल्प
पाटन / कृषि महाविद्यालय मर्रा में आज एंटी रैगिंग सप्ताह के तहत छात्र -छात्राओं को एंटी रैगिंग कि जानकारी दिया गया! ज्ञात हो यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC)द्वारा12अगस्त को एंटी रैगिंग दिवस मनाया जाता है, साथ ही 12-18अगस्त को एंटी रैगिंग सप्ताह के रूप में मनाते है!
महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ.अजय वर्मा ने रैगिंग शब्द का अर्थ बताते हुऐ कहा कि अधिकांश रूप से भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका में प्रयोग किया जाता है। इस शब्द का मतलब है कि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में वरिष्ठ छात्र नए छात्रों से अपनी बड़ाई प्रकट करने के लिए बहुत ही अपमानजनक रूप से पेश आते हैं,अभद्र हरकतें और अभद्र तरीकों का प्रदर्शन करने पर जोर देते हैं।
आगे डॉ.वर्मा ने बच्चों को संकल्प लेते हुऐ कहा मैं वादा करता हूँ कि मैं रैगिंग या किसी भी तरह के हिंसक व्यवहार में शामिल नहीं होऊंगा। न ही मैं रैगिंग या हिंसा को बर्दाश्त करूंगा। मैं समझता हूं कि यदि मुझ पर रैगिंग का आरोप लगाया जाता है तो यह साबित करने की जिम्मेदारी मेरी है कि मैं दोषी नहीं हूं। मैं रैगिंग की घटनाओं को देखकर मूकदर्शक नहीं बनूंगा।
एंटी रैगिंग समिति के अध्यक्ष डॉ.सी.आर.नेताम ने विस्तार से बताया कि भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार “किसी भी प्रकार का अव्यवस्थित आचरण, चाहे वह मौखिक या लिखित शब्दों द्वारा हो या ऐसा कार्य हो, जिसका प्रभाव किसी अन्य छात्र को चिढ़ाने, उसके साथ अशिष्ट व्यवहार करने या उसके साथ व्यवहार करने पर पड़ता हो, उपद्रवी या अनुशासनहीन गतिविधियों में लिप्त होना, जिससे किसी नए या कनिष्ठ छात्र को परेशानी, कठिनाई या मनोवैज्ञानिक क्षति हो या होने की संभावना हो या भय या आशंका उत्पन्न हो, या छात्रों से ऐसा कुछ करने के लिए कहना, जो ऐसा छात्र सामान्य रूप से नहीं करेगा और जिसका प्रभाव शर्म या शर्मिंदगी की भावना उत्पन्न करना या उत्पन्न करना हो, जिससे नए या कनिष्ठ छात्र के शरीर या मानस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े।”
रैगिंग अपने आप में बहुत बड़ा जघन्य अपराध है और ईसे हम सब मिलकर प्रण करें कि रैगिंग का पुरे जोर से विरोध करेंगे!
ईस दौरान कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र के प्राध्यापक, वैज्ञानिक, कर्मचारी तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।