विद्यालय के नामकरण में शासन ने जिस शब्द पर प्रतिबंध लगाए उसी,, प्रयास,, शब्द से हो रहा स्कूल संचालन

खबर हेमंत तिवारी

राजिम(पांडुका) /शिक्षा और स्वास्थ्य दो ऐसे क्षेत्र है।जिसकी जरूरत हर इंसान ,वर्ग और समाज को है। और इन दिनों इस पर भारी लूट मची है।और दोनो कार्य में पालक और पीड़ित काफी परेशान हैं ।तथा इनके खिलाफ आवाज उठाने की किसी के पास हिम्मत नहीं है।तथा इन दोनों क्षेत्र में आम आदमी के सुविधा के लिए सैकड़ो नियम है ।पर इस नियम कानून का कोई पालन नहीं करता है और जिससे संचालको को अपनी मनमानी करने का मौका मिल जाता ,हैं ।आम जनता और उसके बच्चो को अच्छी शिक्षा के साथ विद्यालय से संबंधित विभिन्न सुविधाएं मिले इस उद्देश्य से शासन द्वारा ढेरो नियम बनाए जाते है।पर गरियाबंद जिले में सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए ।कई निजी स्कूलों का संचालन हो रहे हैं ।जहां पलकों से मोटी फिस वसूलकर संचालक अपनी जेब भरा रहे हैं।और पालकों की जेब ढीली हो रहा है।किंतु वहां पढ़ने वाले बच्चों को कोई सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। नियमों को ताक में रखकर निजी स्कूलों का संचालन सालो से हो रहा है।

तो क्या ऐसे में नियम कायदे कानून केवल दिखाने के लिए है।इसी तरह एक निजी स्कूल का संचालन हो रहा है ।जिसमे अपने स्कूल का नाम कारण में शासन से प्रतिबंधित शब्द का इस्तेमाल किया गया है।जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से आर टी आई में मिले हुए जानकारी के अनुसार पालको को भ्रामक जानकारी ना हो इसके लिए केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा राष्ट्रीय महत्व के कुछ शब्द जैसे नेशनल का प्रयोग प्रतिबंध है ।इन शब्दों को प्रयोग विद्यालय के नामकरण हेतु करने पर मान्यता नहीं दिया जाएगा तथा विद्यालय का नामकरण छात्रों एवं पालकों को भ्रमित करने वाले शब्द जैसे इंटरनेशनल, नवोदय, एकलव्य ,प्रयास,वा केंद्रीय नहीं रखा जा सकेगा यह साफ-साफ निजी स्कूल संचालक के नियमावली में शामिल है। बावजूद इसके नगर पंचायत कोपरा में संचालित,, प्रयास पब्लिक स्कूल ,,में इस प्रयास,, शब्द का उपयोग कर लगभग 2015 ,16 से स्कूल का संचालन हो रहा है। तो क्या यह शायद एक प्रकार की पालकों को भ्रमित करने का कही तरीका तो नही है। साथ ही इस स्कूलों में सरकारी सारे नियमों का पालन हो रहा हैं कि नही यह भी देखने वाली बात है।पर जिले के कई निजी स्कूलों में बहुत सारे इन सब नियमों का पालन नहीं होते दिख रहा है ।प्रयास पब्लिक स्कूल में लगभग 244 बच्चे इस समय अध्यनरत है इस संस्था में नर्सरी से लेकर कक्षा आठवी तक स्कूल का संचालन किया जा रहा है 9 साल से संचालित इस स्कूल का नाम प्रयास पब्लिक स्कूल रखा गया है जिसको लेकर अब शासन से गाइडलाइन के अनुसार यह नाम गलत साबित हो रहा है।

क्योंकि यह सरकार के द्वारा संचालित प्रायस स्कूल होता है। और शासन प्रशासन के गाइडलाइन के अनुसार यहां बच्चों का चयन होता है तो ऐसे में यह कहा जा सकता है कि जिले में संचालित निजी स्कूलों में नियम कानून की अवहेलना किया जा रहा है जिसमें विभाग के।जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी आखिर अपने विभाग के नियमों को क्यों नहीं मनवा पा रहे हैं।और क्यों नियमों को दरकिनार कर इन स्कूलो की संचालकों को विद्यालय संचालन की छूट दे दी गई है।।कही न कही इसके पीछे बहुत बड़ा राज छुपा हुआ है।।जिसका सार्वजनिक रूप से खुलासा होना चाहिए।
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इस बारे में प्रयास पब्लिक स्कूल कोपरा के संचालक पुष्कर पुरी गोस्वामी ने बताया कि 2015-16 में जब मैं स्कूल का नामकरण कर संचालन के आवेदन लगाया था तो मुझे संचालन के लिए आदेश प्राप्त हुआ है जिसके तहत में इतना साल से इस नाम के साथ अपने संस्था का संचालन कर रहा हूं आज तक किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आई है।

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