बारिश के समय जलजनित रोगों से बचाव के उपाय

दुर्ग/ बारिश के समय जलजनित रोग जैसे उल्टी-दस्त, हैजा टायफाईड बुखार तथा पीलिया होने की संभावना अधिक होती है। इन बीमारियों के होने के मुख्य वजह दूषित जल सेवन तथा बासी भोजन तथा खुले मे बिकने वाले खाद्य पदार्थो का सेवन, घर के आस पास गन्दगी तथा मक्खियों का होना, पत्तेदार सब्जियों (भाजी) और मांस-मछली के सेवन किया जाता है।
चिकित्सा अधिकारियों के मुताबिक इन बीमारियों से बचने के उपाय एवं सुझाव – पानी उबाल कर पीयें एवं ताजा भोजन का ही सेवन करें, अपने घरों के अंदर व आस-पास कूड़ा-कचरा इकट्ठा न होने दें, अगर किसी को दस्त या उल्टियां हो जाएं तो तुरन्त उसे ओ.आर.एस. घोल, चीनी नमक की शिकंजी, दाल का पानी तथा पानी जैसे तरल पदार्थ पिलाना शुरु कर दें। अगर उल्टी-दस्त बहुत अधिक हैं तो रोगी को तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र लेकर आए।
मच्छर उन्मूलन कार्यक्रम के तहत वर्षा ऋतु में बारिश होने पर सप्ताह में एक दिन शुष्क दिवस मनायें जिसमें घर के कुलर, टंकी, पुराना टायर इत्यादि में जमा पानी में टेमीफॉस डालकर जमा पानी को समतल जगह पर खाली करें व सुखाने के पश्चात ही उसमें पानी भरे। टेमीफॉस स्वास्थ्य विभाग एवं नगर निगम द्वारा घरों में दिया जा रहा है। घर के पास नाली में जमा पानी में जला हुआ आईल को डालें जिससे लार्वा को समाप्त किया जा सके।
मच्छर रोकने के उपाय-अपने घर में और उसके आस-पास पानी एकत्रित न होने दें। गड्ढों को मिट्टी से भर दें। रूकी हुई नालियों को साफ कर दें। मच्छरों को भगाने व मारने के लिए मच्छर नाशक क्रीम, स्प्रे, मैट्स, कॉइल्स आदि प्रयोग करें। रात में मच्छरदानी के प्रयोग से मच्छरों के काटने से बचा जा सकता है। यदि आपको लगता है कि आपके क्षेत्र में मच्छरों की संख्या में अधिक वृद्धि हो गयी है या फिर बुखार से काफी लोग पीड़ित हो रहे है तो अपने स्थानीय स्वास्थ्य केन्द्र, नगरपालिका या पंचायत केन्द्र मे अवश्य सूचना दें। बुखार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र या स्वास्थ्य कार्यकर्ता से रक्तपटदी बनवाकर मलेरिया और डेंगू रेपिड टेस्ट किट से निःशुल्क जाँच कराएं।
उल्टी-दस्त की शिकायत होने पर प्राथमिक उपचार के रूप में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में मितानिनों, महिला/पुरुष स्वास्थ्य संयोजक से जीवनरक्षक औषधि के रूप में ओ.आर.एस. पैकेट, जिंक टेबलेट, मेट्रोजिल टेबलेट, क्लोरिन टेबलेट, ब्लीचिंग पावडर इत्यादि उपलब्ध रहता है, जिसका उपयोग किया जा सकता है। अत्यधिक उल्टी या दस्त होने पर निकट के स्वास्थ्य केन्द्र एवं जिला अस्पताल से निःशुल्क उपचार लिया जा सकता है। आम जनता से विनम्र अपील की जाती है कि वर्षाकाल तक बीमारी पैदा करने वाली भोज्य/पेय पदार्थों का सेवन न करें। साफ पानी, उबला हुआ पानी एवं ताजा भोजन का ही उपयोग करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *