गुरु ही जीवन को भाव सागर से पार लगाती है – महंत सुकृत दास शास्त्री

पाटन। गुरुपूर्णिमा के पावन अवसर पर कबीर आश्रम सेलूद में गुरु पूर्णिमा मनाया गया l गुरु शिष्य के पवित्र संस्कार को जागृत करने के लिए हर वर्ष इस पावन अवसर पर सात्विक चौका आरती रखकर महंत सुकृत दास शास्त्री जी साहित्य वेदांताचार्य के द्वारा अपने शिष्यों को आशीर्वाद प्रदान करते है l

शास्त्री जी के द्वारा आशीर्वचन के रूप में ज्ञान का मार्ग बताते हुए कहा कि गुरु शिष्य का रिश्ता की जग में सबसे पवित्र रिश्ता है जिसमे स्वार्थ नही है l सिर्फ और सिर्फ आशीर्वाद के अलावा एक दूसरे को किसी प्रकार का धन दौलत न देकर प्रेम, ज्ञान और संस्कार की अपेक्षा सदैव जीवनभर बनी रहती है l गुरु हमेशा अपने शिष्यों को गुणवान बनाने के लिए अपना जीवन समर्पण कर देते है l बिना गुरु ज्ञान के यह जीवन भवसागर से पार नही होता l इसलिए हर मनुष्य को जीवन मे गुरु जरूर बनाना चाहिए l गुरु पूर्णिमा के पुण्य दिवस पर खेमलाल साहू ने गुरुपूजा कर शास्त्री का आशीर्वाद प्राप्त किया l

उक्त अवसर पर महंत पंचम साहेब जी, संत भूपत साहेब, महंत परमेश्वर साहेब ,हितु साहेब, हीरा साहेब, श्रीमति खेमिन साहू सरपंच सेलूद, खेमलाल साहू अध्यक्ष भाजपा मध्य मण्डल, वैद्यनाथ साहू, हितेश साहू, ललिता साहू, भुनेश्वरी साहू, राधा यादव, टिकेश्वरी साहू सहित अनेको शिष्यों की उपस्थिति रही l

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