बुराई कितनी शक्तिशाली हो आखिर में हारता ही है= पुरन शर्मा

  • ग्राम छाटा में शिव महापुराण कथा का आंठवा दिन
  • बुधवार को होगा कथा का समापन

पाटन। ग्राम छाटा में आयोजित शिव महापुराण कथा के आठवां दिन पंडित पुरन प्रसाद शर्मा अंडी डोंडी लोहारा वाले ने महिषासुर उद्धार तथा श्री कृष्ण शिव मिलन की कथा सुनाई। उन्होंने कहा की बुराई कितनी भी शक्तिशाली हो एक दिन उसे हार का सामना करना ही पड़ता है। आज वर्तमान में लोग छोटी छोटी बात कर अपने आपको बड़ा बताने लगते है। लेकिन जो अच्छे कर्म करते है वो ही सबसे बड़े है। काम ऐसा करो की आपको आपके काम के कारण प्रसिद्धि मिले। उन्होंने कथा सुनाते हुए कहा की महिषासुर उद्धार की कथा सुनाते हुए आचार्य पुरन शर्मा ने देवी भागवत पुराण में कथा का उल्लेख करते हुए कहा कि रंभ नामक एक असुर था जिसने अग्निदेव की तपस्या से एक पुत्र को प्राप्त किया था जो एक महिषी यानी भैंस से उत्पन्न हुआ था इसलिए वह महिषासुर कहलाया। यह असुर वरदान के कारण जब चाहे मनुष्य और भैंस का रूप ले सकता था। ब्रह्माजी की तपस्या करके इसने वरदान पा लिया था कि कोई स्त्री ही उसका अंत कर सकती है। इसलिए यह देवताओं के लिए अजेय था और शक्ति के मद में आकर इसने देवलोक पर अधिकार कर लिया। उन्होंने बताया की महिषासुर के शासन में देवता और मनुष्य भयभीत रहने लगे। ऐसे में सभी देवी देवताओं ने अपने तेज को मिलाकर एक तेजोमय शक्ति को प्रकट किया जो स्त्री रूप में अवतरित हुई। यही देवी मां दुर्गा कहलायीं। सभी देवी देवताओं ने अपने अस्त्र-शस्त्र से देवी को सुसज्जित किया।

महिषासुर का वध और देवी का वरदान

महिषा सुर का बढ़ की कथा सुनाते हुए कहा की देवी ने महिषासुर को युद्ध के लिए ललकारा। देवी और महिषासुर में 9 दिनों तक महायुद्ध हुआ। महिषासुर को अपने अंत समय में माता दुर्गा की शक्ति का अहसास हो गया और उस असुर ने देवी से प्रार्थना की, हे माता आपके हाथों मेरा वध हो और मुझे मुक्ति मिले। मैं आपकी शरणागत हूं मेरे उद्धार का आप कुछ उपाय कीजिए। इस तरह शरण में आए हुए असुर पर माता ने करुणा दृष्टि दिखाई और वरदान दिया कि मेरे हाथों से मृत्यु को पाकर तुम्हें मेरा सायुज्य प्राप्त हो जाएगा और मेरे साथ तुम्हारी भी पूजा होगी। माता के इसी वरदान के कारण देवी भागवत पुराण में बताया गया है कि माता के साथ महिषासुर का वध करते हुए माता की मूर्ति बनाकर देवी की नौ दिनों तक पूजा करनी चाहिए इससे भक्तों को भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है। कथा का समापन बुधवार को होगा। शिवमहापुराण कथा में आयोजक परायण कर्ता सूरज मिश्रा रायपुर, नोहर यादव, मोंगरा यादव, बलदाऊ यादव, एमिन यादव, बलदाऊ यादव, जामवंतिन यादव, हरी यादव, सावित्री यादव, कविता यादव, किरण यादव, सुमन यादव, रेनू शर्मा, पार्वती यादव, उमा निषाद, भगवती साहू, ओम टंडन, शैल बघेल, सरस्वती साहू, उर्वशी साहू, मेघा वर्मा, संजय वर्मा, जगदीश यादव, भगवती विश्वकर्मा, भूषण वर्मा, मानसी वर्मा, भरत वर्मा, भूषणवर्मा, किशन वर्मा, नारायण चेलक, साहेब दास, बलदाऊ , सरोज सहित अन्य मौजूद रहे।

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