- अधिकारी कार्यवाही नही करेंगे तो जनप्रतिनिधि जाएंगे कोर्ट
पाटन। समीपस्थ ग्राम मर्रा में स्थित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में कक्षा पहली से लेकर दसवीं तक के प्रवेश का मामला संदेहास्पद होते जा रहा है । आसपास के ग्राम के गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले बच्चों को बिना कारण अपात्र घोषित कर दूरस्थ अंचल के बच्चों को प्रवेश दिया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार कक्षा पहली के लिए कुल 52 आवेदन ऑनलाइन प्राप्त हुए थे जिसमें से मर्रा सहित आसपास के ग्रामों के कुल 9 बच्चों को बिना किसी कारण अपात्र घोषित कर दिया गया। अपात्र किए जाने का कारण जब जानने की कोशिश की गई तो जिम्मेदार प्राचार्य भी गोल-गोल जवाब देना चालू कर दिया साथ ही सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने आवेदन प्रस्तुत किया गया उसे भी प्राचार्य द्वारा लेने से मना कर दिया गया तब मजबूरन सूचना आवेदन पत्र विकासखंड शिक्षा अधिकारी को दी गई । चूंकि कुछ चुनिंदा बच्चों को प्रवेश लेने की कवायद चल रही थी इसलिए लॉटरी नही निकालने बीच का रास्ता निकाला गया वो रास्ता ये है की मर्रा स्कूल में कक्षा पहली के लिए अंग्रेजी माध्यम में कुल 50 सीट है लेकिन कुल आवेदन 52 आये थे। अब 52 आवेदन आये तो नियम से लॉटरी निकालना पड़ता लेकिन लॉटरी से उन चुनिंदा बच्चो का प्रवेश हो पाता या नही इस डर ने प्राचार्य की दिमाग की बत्ती जला दी और 9 पात्र बच्चो को बिना कारण अपात्र घोषित कर दिए ताकि सीटें ज्यादा हो और आवेदन कम हो और लॉटरी सिस्टम से बचकर अपने हिसाब से प्रवेश दिया जा सके। शिकायत होने की सुगबुगाहट प्राचार्य को लगा तो बुधवार को ही बन्द ऑनलाइन पोर्टल चालू करवा दिया गया।
पूरा मामला प्रकाश में तब आया जब अपात्र घोषित बच्चो के पालक अपने – अपने गांव के सरपंच से संपर्क किया और सरपंचों से स्कूल जा कर प्रवेश से सम्बंधित दस्तावेज देखे तब मामला समझ मे आया।
मामला इतना गंभीर था कि गुरुवार को जनपद पंचायत पाटन में आयोजित सामान्य सभा की बैठक में भी जनपद सदस्यों ने यह मामला उठाया इस पर अधिकारियों ने तत्काल कार्यवाही करने का आश्वासन जनपद सदस्यों को सदन के समक्ष दिया।
अब इस पूरे मामले में गरीब बच्चों को न्याय दिलाने जनप्रतिनिधिगण लग गए है सांतरा सरपंच राजा कोसरे का कहना है कि समीपस्थ ग्रामों के गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले बच्चो के साथ अन्याय नही होने देंगे उच्च अधिकारियों से बात करेंगे। मर्रा सरपंच पालेश्वर ठाकुर का कहना है कि सूचना आवेदन पत्र जमा नही लेने से ही समझ आ गया था कि कुछ झोल-झाल है, दस्तावेज जुटाया जा रहा है बच्चो के साथ न्याय होगा, यहां बात नही बना तो माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे। गाड़ाडीह उपसरपंच तोपेन्द्र वर्मा ने भी इसका विरोध किया तथा पारदर्शिता के साथ प्रवेश लिया जाए मांग किया ।