राज़्य शिक्षा स्थायी समिति के सदस्य के रूप में नामित हुए डॉ साहसी

रायपुर। बेस्ट अकेडीमीशियन अवार्ड से सम्मानित शासकीय जे. योगानंदम छत्तीसगढ़ महाविद्यालय रायपुर में प्राध्यापक के रूप में सेवा दे रहे डॉ वासुदेव साहसी जी को राज्य शिक्षा स्थायी समिति सदस्य नामित किया गया है। बता दें कि डॉ साहसी प्राशसनिक कुशलता के लिए बेस्ट अकेडीमीशियन अवार्ड से सम्मानित भी हो चुकें हैं। डॉ साहसी जी मूलतः बालोद जिले के देवरी के समीप भंडेरा के रहने वाले हैं। उनकी शिक्षा जगत में योगदान के संदर्भ में दृष्टिपात किया जाए तो वह उच्च शिक्षा विभाग के एक सशक्त हस्ताक्षर है। जिन्होंने कई किताबों का लेखन किया जिसमें प्रमुख रूप से “बस्तर का इतिहास”! विशिष्ट है। पूरा परिवार शिक्षा जगत में अतुलनीय योगदान के लिए जाना जाता रहा है पिताजी स्व. त्रिभुवन साहसी जी (सेवानिवृत्त प्रधान पाठक) का प्रारंभ से मार्गदर्शन पूरे परिवार को नये कीर्तिमान स्थापित कराने में सफल रहा है छोटा भाई कुशाग्र बुद्धि के चलते राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा उत्तीर्ण कर आज़ आईटी आफिसर है तो वहीं मंझले भाई डॉ बीएल साहसी जी और छोटी बहन पुष्पा कटेंद्र इतिहास विषय के व्याख्याता के रूप में सेवा दे रहे हैं। डॉ साहसी पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में शोध निर्देशक के रूप में लगभग एक दर्जन से भी अधिक शोध छात्रों को शोध निर्देशक के रूप में मार्गदर्शन कर रहे हैं। दो दशक से अधिक समय तक राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी के तौर पर रहे जिसके लिए प्रतिष्ठित मंचों पर सम्मानित होते देख परिवार के साथ-साथ शुभचिंतकों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ साहसी छत्तीसगढ़ राज्य स्थायी शिक्षा समिति सदस्य के रूप में नवाचार एवं शिक्षा संबंधी गुणवत्ता में बढ़ोतरी करेंगे।।इस अवसर पर सुरेंद्र कुमार साहू पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष छत्तीसगढ़ महाविद्यालय एवं पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर ने शुभकामनाएं प्रेषित किया।

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