कुछ माह पहले बने नहर लाइनिंग में जगह-जगह दिख रही दरारें और टूटने लगी । निर्माण कार्य में बड़ा झोल झाल 3 करोड़ के इस काम में एक सूचना बोर्ड भी नहीं लगाया।

खबर हेमंत तिवारी

छुरा/ एसडीओ जल संसाधन छुरा और नहर लाइनिंग ठेकेदार की जुगलबंदी से एक बार फिर जिले के छुरा ब्लॉक में नहर लाइनिंग के काम में बड़ा झोल झाल देखने को है। यह नहर लाइनिंग का काम लगभग 3 करोड रुपए के आसपास का है जो। खरखरा जलाशय से लेकर लोहझर के छोटे कैनाल में चल रहा है बता दे की इस निर्माण कार्य में जिस ठेकेदार को यह टेंडर मिला है ।उसकी तो मौज है यही कारण है कि ठेकेदार द्वारा गुणवत्ता को दरकिनार कर जमकर धांधली की जा रही है ।मुरूम की जगह मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है और बिना डंपिंग किया केवल ऊपर में झिल्ली बिछा कर ढलाई कर देने की वजह से नहर लाइनिंग के कंक्रीट जगह-जगह टूट रहा है

।जिसे खुद जल संसाधन के जिम्मेदारों द्वारा दर्जनों जगह मार्किंग किया गया है।तथा फिर एक बार अमानत में खयानत वाली बात साबित हो रही है जो विभाग को जिम्मेदारी है कि वह अच्छे से निर्माण कार्य कराए और सरकारी पैसे का सही सदुपयोग करें पर पूरे जल संसाधन विभाग में जिस तरह निर्माण कार्य में लूटमार मचा हुआ है और इस लूटमार में कुछ दलाल जो है लाखों रुपए बटोर रहे हैं ।वा।दलाल साथ ठेकेदार भी मालामाल हो रहा है यह घटिया निर्माण का ही नतीजा है कि कोई यहां देखने वाले नहीं है नाम का इंजीनियर और नाम का एस डी ओ और जिला में अभियंता है।जो एसी रूम में रह कर बैठे हुए कार्य का निरीक्षण कर रहे है। जो कभी साइड में झांकने तक नहीं जाते तो कार्य सही होता यू 3 माह में यह नतीजा नहीं निकलता,,यही वजह है कि पूरा कार्य ठेकेदार के भरोसे छोड़ रखे हैं और विभागीय कसावट नही हो ने के कारण ठेकेदार की पांचों उंगली घी में है।और जब पक्ष जानने ठेकेदार को फोन किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।ये नजारा आपको साइड जाने पर आसानी से नजर आ जायेगी

तिलाई दादर और खरखरा के बीच चैन क्रमांक 50 के नीचे ये सब देखा जा सकता है जहां भारी मात्रा में नहर लाइनिंग टूटा हुआ है जो खुद अपनी घटिया निर्माण की गवाही दे रहा है अब भला इस पर क्या कार्रवाई होगी वही इस बारे में जब एसडीओ छुरा पुनीत सिरमौर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हमें जानकारी है उसे तोड़कर हम दोबारा बनवाएंगे।ठेकेदार को बोल दिया गया है।वही जब कुछ ग्रामीणों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कंक्रीटकारण होने के बाद इसमें पानी तराई नहीं किया गया इसमें सही मुरूम नही डाला गया है बिना मिट्टी को दबाए ऐसे ही ऊपर में ढालाई कर दिया गया जिसके कारण ये दर्जनों जगह टूट गया है।इस तरह सरकारी राशियों की बंदर बांट से निर्माण कार्यों को गुणवत्ता हीन कार्य को अंजाम दिया जा रहा है । लगभग 3 करोड रुपए के होने वाले इस निर्माण कार्य में कहीं भी सूचना बोर्ड भी नहीं लगाएं है जबकि सूचना बोर्ड कार्य होने से पहले लगाया जाता है। पर जब सूचना बोर्ड के बारे में एस डी ओ को पूछा गया तो उनका कहना था सूचना बोर्ड लगाए थे। चोरी हो गया है ।

पर पूर्व की भांति इस बार भी अपने करतूत को छुपाने के लिए जल संसाधन विभाग छूरा में पदस्थ जिमेदार अधिकारी कर्मचारियों ने मिलीभगत कर ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए शासन को चूना लगा रहे हैं। देखना होगा कि इस तरह सैकड़ो जगह आई दरारों को किस लिपा पोती से ठीक किया जाएगा क्या सभी दरारों को पुनः तोड़कर बनाया जाएगा या फिर उसके ऊपर लिपा पोती कर खाना पूर्ति की जाएगी।

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