गरियाबंद ,,पुलिस साइबर सेल का अहम् योगदानमध्य भारत में सक्रीय बड़े गिरोह के शामिल होने की आशंका मध्य प्रदेश STPF (स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फार्स) एवं WCCB (Wildlife Crime Control Bureau) से साझा की जाएगी फरार आरोपी की जानकारीवर्ष 2020 में भी बच निकला था मध्य प्रदेश का शिकारी सुधीर अग्रवाल प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) रायपुर छत्तीसगढ़, विश्वेश कुमार झा मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) एवं क्षेत्र संचालक उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व रायपुर एवं श्री वरुण जैन, उपनिदेशक उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व गरियाबंद (छ.ग.) के कुशल मार्गदर्शन में दिनांक 08.04. 2024 दिन सोमवार को गोपनीय सूचना से खबर मिली कि इंदागांव (घुरवागुड़ी) बफर परिक्षेत्र के कक्षक्रमांक 1243 पहाड़ी के नीचे पोटाश बम से भालु का शिकार किया गया है।
इसके उपरान्त पतासाजीकरने पर फरार आरोपी हजारी पिता तुलसीराम, जाति गोड़ उम्र 40 वर्ष, एवं उत्तम पिता खगेश्वर जातिरावत, उम्र 25 वर्ष ग्राम कालीमाटी, थाना इंदागांव, तहसील अमलीपदर, जिला गरियाबंद (छ.ग.)को एन्टी पोचिंग टीम द्वारा दिनांक 06.05.2024 को पूछताछ के लिए कार्यालय सहायक संचालक उदंती(मैनपुर) लाया गया। दोनो व्यक्ति ने पोटाश बम से भालु का शिकार करने का वन अपराध कबूल कियेहै। एक वर्ष पहले कटनी मध्यप्रदेश से आये शिकारी समुदाय के व्यक्ति से 500 रूपये में 1 पोटाशबम का क्रय किया। आरोपी हजारी ने आरोपी उत्तम के साथ मिलकर पोटाश बम से पांच से छः सुअरका शिकार किये है और सुअर के मटन को पांच सौ रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक्री किया गयाऔर मध्य प्रदेश के शिकारी से पोटाश बम खरीदकर दिनांक 08.04.2024 को भालु का शिकार कियागया। दोनो आरोपियों के विरुध्द पी.ओ.आर क्रमांक 54/23 दिनांक 10.04.2024 पंजीबध्द कर वन्यजीव(संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 2,9,27,29,31,32,39,50,51 एवं 52 के तहत विवेचना अधिकारीभुपेन्द्र कुमार सोनी वनपाल सहायक परिक्षेत्र अधिकारी इंदागांव के द्वारा दोनो आरोपियों को गिरफ्तारकर दिनांक 07.05.2024 को माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी देवभोग मे पेश किया जावेगा।आरोपियों के घर से पहले ही भालू का चमड़ा एवं 1 नाखून, जंगली सूअर का जबड़ा एवं 3 दांत, गोहिया(मॉनिटर लिजार्ड) का चमड़ा एवं फंदे बरामद किये जा चुके है।इस कार्यवाही मे एन्टी पोचिंग टीम सुशील सागर परिक्षेत्र अधिकारी इंदागांव(धुरवागुड़ी) बफर, गरियाबंद पुलिस साइबर सेल प्रभारी सतीश यादव, वनरक्षक डोमार कश्यप, ओम प्रकाश राव, फलेश्वर दीवान, विरेन्द्र ध्रुव, भुपेन्द्र भेड़िया,, यज्ञ मालती यादव एवं समस्त इंदागांव (धुरवागुड़ी) स्टॉफ का विशेष योगदान रहा।