सेलूद।बजरंग चौक सेलूद में चल रही संगीतमय श्रीमदभागवत कथा में कथावाचक पंडित हरिशंकर वैष्णव ने समुद्र मंथन और वामन अवतार की कथा का विस्तार से प्रसंग सुनाया। कथा में कथावाचक ने कहा कि जब लक्ष्मीजी का विवाह होना तय हुआ तो उनके सामने सभी देवों को बिठाया गया और कहा गया कि इनमें से जो भी देवता आपको पसंद है, उनको आप वर माला पहनाएं। इस पर लक्ष्मीजी ने बारी-बारी सभी देवताओं की ओर देखा तथा अंत में जाकर भगवान विष्णु को लक्ष्मीजी ने माला पहनाई और उसके बाद समुद्र मंथन हुआ। तब देवताओं को अमृत पिलाया गया और भगवान शंकर ने विषपान किया। कथा में समुद्र मंथन के दौरान निकलने वाले सभी रत्नों और आवश्यक वस्तुओं के बारे में भी बताया गया। इसके बाद वामन अवतार की कथा सुनाई गई। इस अवसर पर वामन भगवान की सजीव झांकी सजाई गई, जो सभी के लिए आकर्षण का केंद्र रही। पूरा पंडाल भगवान वामन के जयकारों से गूंज उठा। सोमवार की कथा का समापन महाप्रसाद के साथ किया गया।
पर्यावरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा जल, थल और आसमान पर प्रदूषण का शिकंजा कसता जा रहा है। धरती पर तापमान निरंतर बढ़ रहा है और पर्वतों पर बर्फ गलेशियर पिंघल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वन एक संसाधन है जिसका पर्यावरण संरक्षण और संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण येागदान है। उन्होंने आह्वान किया कि जितने ज्यादा पेड़ पौधे होंगे उतना ही हमारा पर्यावरण स्वच्छ होगा। पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण को स्वच्छ बनाना सबसे सस्ता और लाभकारी तरीका है।
उन्होंने कहा कि संसार में मां का दर्जा सबसे ऊंचा है। आज समाज में देखने को मिल रहा है कि सामाजिक विसंगतियां बढ़ रही हैं तो बूढे़ मां-बाप बोझ लगने लगे हैं। मां ही सर्वस्व है। हमारी पहिली गुरु माँ होती है। मां से प्राप्त संस्कार और स्नेह युगों तक स्थायी होते हैं। जब मां बूढ़ी हो जाए तो उसके आदर में कोई कमी नहीं रखनी चाहिए और श्रवण कुमार की तरह माता-पिता की सेवा करनी चाहिए।
मौके पर उषा देवांगन,शीलू साहू,पूर्णिमा देवांगन,पिंकी साहू,भारती यादव,भगवती साहू,गीता वर्मा,झमिला साहू,लक्ष्मी द्विवेदी, फूलकुमारी साहू,ममता यादव,हेमकुमारी वर्मा,सरोज मेश्राम,किरण सोनवानी,योगिता साहू सहित अन्य उपस्थित थे।