भखारा राल जैन समाज के 64 वा वार्षिक अधिवेशन भेलवाकुदा में हुआ तीन जिला के सदस्य शामिल हुए,,,,समाज संस्कार की गंगा है समाज के अभाव में व्यक्ति का अस्तित्व बेमानी है,,,,गुलाब राय सोनी

जामगांव आर। दुर्ग रायपुर धमतरी जिला के 63 जैन परिवारों से गठित भखारा राल जैन समाज का 64 वा वार्षिक अधिवेशन ग्राम भेलवाकुदा में शनिवार को आयोजित हुआ जिसमे भखारा सेमरा, जी जामगांव , खोरपा देवरी भाठागाव कुरूद बोरझरा निपाणी गातापार भेलवाकुदा तर्रा गोंदी पचपेड़ी बटरेल बेलहारी रानीतराई पंदर नवागांव जामगांव आर खोरापा आदि जैन परिवारों के सदस्य शामिल हुए । आय व्यय सहित विविध मुद्दो पर गहन विचार विमर्श हुआ ।सामूहिक लजीज भोज की व्यवस्था का लाभ सदस्यो ने लिया। अधिवेशन में वयोवृद्ध 75 वर्षीय गुलाब चंद रायसोनी और नवयुवक 25 वर्षीय श्रेयांश राय सोनी ने सहित चार पीढ़ी के सदस्यो ने भाग लिया। अध्यक्ष गौरव जैन कोषाध्यक्ष सुरेश राय सोनी ने समाज के समक्ष सम्पूर्ण जानकारी प्रस्तुत किए ।

भखारा राल जैन समाज संस्कार की गंगोत्री है,,, नव मनोनित अध्यक्ष मनोज नाहर कोषाध्यक्ष यादमल गोलछा को पद भार सौपें गए।विदित हो कि 64 वर्षो से चली आ रही परंपरानुसार प्रति वर्ष नए अध्यक्ष कोषाध्यक्ष चुने जाते है।कोषाध्यक्ष यादमाल गोलछा ने पदभार ग्रहण करते हुए कहा कि समाज हमारा संबल है ,मार्गदर्शक है।25 वर्षीय श्रेयांस ने कहा कि अदभुत है भखारा राल जैन समाज की रचना जहा चार पीढ़ी के लोग एक साथ बैठकर समाज विकास के लिए मंथन करते है वास्तव में यह संस्कार की गंगोत्री है।अनेकों मोटिवेशनल स्पीच यूथ को परिपक्व बनाती है।समाज अच्छे काम वालो का नाम इतिहास में दर्ज करती है,,,,भखारा राल जैन समाज के 64 वा वार्षिक अधिवेशन में 75 वर्षीय गुलाब चंद राय सोनी ने कहा कि समाज व्यक्ति के लिए संस्कार की गंगा है जो इस गंगा को पवित्र भाव के साथ देखते है सुरक्षा देते है समाज उनका नाम इतिहास के पन्नो में दर्ज करता है। समाज के अभाव में व्यक्ति का अस्तित्व बेमानी है।उन्होंने कहा कि आज समाज कार्यों से लोगो की रुचि हटने लगी है इसीलिए घर परिवार में अशांति संस्कार से खिलवाड़ करते हुए दाखिल होने लगा जिसका दुष्परिणाम सर्वहारा भुगत रहे है फिर भी बनावटी मुस्कान के साथ आल इज वेल बोले जा रहे है।और छुप छुप आंसू बहाए जा रहे है। समाज सेवा परलोक का एटीएम तैयार करता है,,,,सीनियर सिटीजन ए के गोलछा ने कहा कि 64 साल पहले पूर्वजों ने बीहड़ जैसे इस छेत्र में भखारा राल जैन समाज की स्थापना कर हमे संस्कार का अनमोल उपहार दिए जिसे संभालने सहेजने की जवाबदारी बाद की पीढ़ियों के कंधे पर है। उन्होंने कहा कि मन वचन काया को संयमित रखते हुए मधुर वाणी का उपयोग करते हुए इस संगठन को मजबूती देने स्वस्फूर्त समाज के विकास में तन मन धन से यथायोग्य सहयोग।अवश्य करे। याद रखे कर भला तो हो भला।समाज सेवा परलोक का एटीएम तैयार करता है। भरत नहर मनोज पारख आशीष कोचर सहित प्रबुद्ध जनों ने विचार विमर्श में सहभागिता अदा किए।

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