रवेन्द्र दीक्षित की रिपोर्ट
छुरा@@@@@ गरियाबंद जिला के छुरा विकास खण्ड अन्तर्गत ग्राम मड़ेली में शीतल निर्मलकर एवं चेतन निर्मलकर घर के मुख्य द्वार पर लगे मधुमालती बेला फूल की सुन्दरता सबकी मन मोह लिया, आने जाने वालों की निगाहें इन पर टिकी रहती है। इसके फूल की रोचक कहानियां जानिए। ये फूल रंग बदलते हैं. पहले दिन सूर्योदय जब इसके फूल खिलते हैं तो ये सफेद रंग के होते हैं।। दूसरे दिन वही फूल गुलाबी रंग में बदल जाते हैं और तीसरे दिन गाढ़े लाल रंग में। जादुई फूलों की बेला जिसमें लगभग सफेद रंग की कलियां आतीं जो शाम को खिलकर हल्के गुलाबी रंग के फूल में बदल जाती, जिनसे भीनी-भीनी खुशबू आतीं हैं, और हल्के गुलाबी और लाल के विविध शैड्ज वाले फूलों से सजा पुष्प गुच्छ बेहद खूबसूरत दिखता है। फूलों का यह रंग बदलना ज्यादा से ज्यादा परागण (Pollination) के लिए विभिन्न प्रकार के कीटों को अपनी ओर आकर्षित करने की रणनीति होती है। वैसे तो गर्मियों के मौसम में बहुत से पौधे फ़ूल नहीं देते,मगर ये बेला बड़ा होकर फैलकर छा जाता है। गर्मियों में यह बेला घनी छाया देते हैं और घर को कड़ी धूप से भी बचाता है। इसके पत्ते 4-5इंच के होते हैं। और इसमें लाल, गुलाबी, सफेद रंग के गुच्छों में खिलते हैं। इसके फूल देखने में बहुत सुंदर लगते ही हैं, बढ़िया खुशबू से घर आंगन महकाते भी रहते हैं। इसमें सफेद रंग के छोटे फल भी लगते हैं जो बाद में भूरे रंग के हो जाते हैं। सुन्दर पुष्प या फूल प्रकृति के द्वारा बनाई एक अनुपम व उत्कृष्ट रचना है जिसके विभिन्न प्रकार के रुप व रंग अनायास ही हमारे मन को मोह लेते हैं तथा उनसे आने वाली खुशबू हमारे मस्तिष्क को एक अभूतपूर्व शान्ति प्रदान करती है। धरती पर चारों तरफ फैली हुई हरियाली में अपनी सुन्दरता से चार चांद लगाने वाले फूल आसपास के वातावरण को भी ताजगी व सुगंध से परिपूर्ण कर देते हैं जिसकी समीपता से मानव मन भी उत्साह व उमंग से भर उठता है। हमारे जीवन में फूलों का उपयोग विभिन्न तरह से किया जाता है, जहां एक ओर यह प्रत्येक तरह की सजावट में काम आते है, वहीं दूसरी ओर इनसे विभिन्न तरह के इत्र, शहद,व औषधियां भी बनाई जाती है।