सेलूद। समीप के ग्राम फेकारी में सांहड़ा परिवार द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के दूसरे दिन कथा वाचक पंडित चेलादास वैष्णव ने द्वादश ज्योतिर्लिंग कथा का वर्णन करते हुए कहा कि शिव ही सत्य है और सत्य ही शिव है। एक ऐसी ज्योति जो सदैव जीवन को उज्ज्वल रखती है। सत्य जीवन को उजाला देता ही है किंतु आज के जीवन में भौतिक सुख सुविधाओं के नाम पर उस एक परम सत्य से दूर हो गए मानव के लिए ही तो शिव ने ज्योति रूप लिया ताकि मनुष्य भटके नहीं और सत्य के पथ पर चलता रहे। ज्योतिर्लिंग का अर्थ ही यह है कि शिव का ज्योति रूप में प्रकट होना। शिव लिंग तो कई हैं किंतु ज्योतिर्लिंग केवल 12 है जो शिव के इस महत्व को दर्शाते हैं। इनके महत्व को श्री आदि गुरु शंकराचार्य ने द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम् की रचना संस्कृत भाषा में करते हुए व्यक्त किया है। भारत में स्थित भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का इसमें वर्णन हुआ है।
मौके पर प्रमुख रूप से जगदीश साहू ,कृष्णा साहू, पवन कुमार बिन्दा, प्रेमलाल,हिना, रूपराम,ज्योति, चुनेश्वर,लीना,वेद प्रकाश साहू , नारायणी, ईश्वर लाल, यमला, नवीन, विणीता, जय प्रकाश,संध्या,अंगीरा लाल,दामिनी साहू, अशोक,ज्योति साहू, अजय,प्रगति साहू,पारखत साहू, भागवत राम,पिंगला साहू, खिलेन्द्र कुमार, मोमिन साहू,येमन कुमार,अन्नु साहू,उर्मिला, कन्हैया लाल, निरूपा, यीवगेन्द्र सरस्वती,धनेश्वर,माधुरी, मनोज, राजेश्वरी,येकेश्वर साहू, चन्द्रकांता,अश्वनी कुमार साहू,जानकी साहू,सूर्यप्रकाश,विष्णु साहू ,चंपा साहू सहित अन्य उपस्थित थे।