संदीप मिश्रा
पाटन। पाटन नगर से 7 किमी दूर ग्राम ठकुराइन टोला में खारून के बीच स्थित शिवधाम में आज महाशिवरात्रि पर भव्य मेला लगेगा। दो दिन पहले ही दुकानें सज गई हैं। यह मंदिर दुर्ग जिले के अंतिम छोर में हैं इसलिए रायपुर जिले से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हर वर्ष की तरह इस बार भी आर्शीवाद लेने •आएंगे। बताया जाता है कि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा वर्ष 1984 में संत पवन दीवान द्वारा किया गया था। मंदिर का परकोटा नदी तल • से 22 फीट ऊंचा है। यहां भगवान शिव के साथ ही राम जानकी मंदिर, गणेश मंदिर, दुर्गा मंदिर, हनुमान मंदिर है। फिलहाल यहां लक्ष्मण झूले का काम चल रहा है। बताया जाता है कि हर साल शिवरात्रि मेले में 12 हजार से अधिक लोग पहुंचते हैं।
सामाजिक महत्वः लगभग छह दशक पूर्व 14 पाली निषाद समाज के मुखिया ने शिव मंदिर बनाने की सोची। पैसे की समस्या समाने आ गई। निर्माण के लिए पर्याप्त राशि नहीं थी। ऐसे में नया तरीका निकाला गया। त हुआ कि समाज में मृत्युभोज बंद होगा, उसमें जो राशि खर्च होती है, उसे मंदिर निर्माण में लगाया जाएगा। समाज के हर व्यक्ति ने निर्माण तक श्रम दान किया।
राजनीतिक महत्वः राजनीतिक दलों के लिए भी यह मंदिर खास है। चुनाव नजदीक आते ही नेताओं की भीड़ बढ़ जाती है। सावन महीने में बहुत धूमधाम से कांवर यात्रा निकाली जाती है। इस दौरान नेताओं का शक्तिप्रदर्शन भी होता है। रायपुर के नेता भी यहां पहुंचते हैं।
धार्मिक महत्व: निषाद समाज के किसी सज्जन को भगवान शिव का सपना आया था। वहीं खारून नदी के बीच में शिवलिंग मिला। तब से मंदिर बनाने की चर्चा शुरू हुई। यहां स्नान का विशेष महत्व है। रात 12 बजे के बाद श्रद्धालु स्नान और पूजा-पाठ में जुट जाते हैं। पानी की उपलब्धता रखने गंगरैल से भी पानी छोड़ा गया है।
पाटन के टोलाघाट में खारुन नदी के बीच विराजे है भगवान शिव
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