रोशन सिंह@उतई ।शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला मचांदुर में बालोद स्कूल के अध्यापक डॉक्टर बी एन योगी,के द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया।और विज्ञान के संबंध में जानकारी दिया गया।प्राचीन काल से ही मानव आसमान को कुछ विस्मय, कुछ भय और कुछ कौतूहल वश निहारता रहा है। आसमान में स्थित सूर्य, चन्द्रमा ग्रहों और अनगिनत तारों को देख कर उनकी गति को समझने का प्रयास करता चला आ रहा है । लेकिन प्राचीन कालीन मानव के लिए आसमान में सूर्य, चन्द्रमा, ग्रहों और नक्षत्रों की गति और उनके परिणामो को समझना मुश्किल था और वे मान बैठे कि ये सब दैवीय शक्तियों के मर्जी से होता है स्वाभाविक ही था जब मानव प्रकृति के गूढ़ रहस्यों को नहीं समझ पाता तो उसे विधि का विधान मानकर अपनी जिज्ञासा को तृप्त कर लेता है। इसी तरह प्राचीन मानव विस्मय और भय से अभिभूत होकर सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण को देवताओं का गुस्सा होना तथा ग्रहों और नक्षत्रों को देवता समझ बैठे और इतना ही नहीं उन्हें अपने भाग्य का विधाता समझने लगे। उनके प्रसन्न होने को शुभकारक और कुपित होने को अशुभकारक मानने लगा। ब्रम्हांड के इन रहस्यों को जानने के लिए खगोल विज्ञान और खगोलभैतिकी के अध्ययन को महत्वपूर्ण बनाता है। जिसमे आसमान में दिखने वाले अनगिनत टिमटिमाते तारे, ग्रहों, नक्षत्रों और विज्ञान के नए प्रौद्योगिकी के साथ सुदूर अंतरिक्ष पिंडो का अध्ययन किया जाता है।ऐसे ही आकाशीय पिंडो को प्रत्यक्ष रूप से देखने और आकाशीय घटनाओं को समझने के लिए 8 फरवरी की शाम 4 बजे से शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला मचांदुर दुर्ग में खगोल कार्यशाला का आयोजन किया जगया। जिसमे बालोद के खगोलभौतिकी के जानकर बी एन योगी द्वारा 2500 मिलीमीटर व्यास वाले परावर्तक टेलिस्कोप से चमकीले ग्रह शुक्र,वलय वाला ग्रह शनि, सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति और उसके चार बड़े चंद्रमा साथ ही लाल ग्रह मंगल का प्रत्यक्ष अवलोकन कराया जायेगा तथा आसमान में दिखने वाले अनगिनत चमकीले तारों से बनने वाले राशियों के तारामंडल, तारों के निर्माण की नर्सरी ओरियन निहारिका और हमारे आकाशगंगा के बाद सुदूर अंतरिक्ष में स्थित निकटस्थ गैलेक्सी एंड्रोमेडा का अवलोकन किया जाएगा। प्रत्यक्ष अवलोकन के विद्यालय में आयोजित कार्यशाला में सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण के वैज्ञानिक कारण, दिन और रात का होना, ऋतु परिवर्तन, चंद्रमा के आकार में दैनिक परिवर्तन, विभिन्न समय में दिखने वाले तारामंडल, सूरज में जटिल चुंबकीय क्षेत्रों के कारण बनने वाले सौर धब्बे, धूमकेतु का दिखना आदि को कंप्यूटर सिमुलेशन द्वारा प्रदर्शित किया जायेगा। जिससे छात्र छात्राओं में खगोल विज्ञान के प्रति अभिरुचि और वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित हो तथा वे ग्रहण जैसे अन्य घटनाओंको लेकर समाज में प्रचलित अंधविश्वसो को भी दूर करने में सफल हों।विज्ञान तथा गणित क्लब संचालक कल्पना खोबरागड़े,श्री एस. के.सिंग तथा श्रीमती एम.रथ.हैं। इस अवसर पर सरपंच दिलीप साहू,उपसरचंप गजेंद्र साहू,पंच प्रवीण यदु,कृष्णा साहू,निरंजन सिंह राजपूत, जसलोक साहू,स्कूल प्रचार्या बी एन चौधरी,काकोली चौधरी,पीके रात्रे,ओपी ठाकुर,हरीश पटौती,ज्योति पांडेय,करुणा सिंह परिहार,पूजा नायर,श्रद्धा पांडेय,संगीता भुवर्य,भूमिका साहू,शाला नायक तरुण साहू,महेंद्र साहू, सहित स्कूली बच्चे अधिक संख्या में उपस्थित रहें।*