* रायपुर। राजधानी के बूढ़ा तालाब धरना स्थल को परिवर्तित कर तूता में धरना स्थल बनाने की योजना जिला प्रशासन की है। यद्यपि ऐसा कोई निर्णय नहीं हुआ है। किंतु अप्रत्यक्ष रूप से धरना स्थल का अनुमति न देकर सरकार महापौर व सभापति के धमकी में झुक गई है। सरकार के जिम्मेदार लोग धरना स्थल पर जेबीसी से न्यू खोदकर दीवाल उठाने की तैयारी में थे जिसका कर्मचारी संघ ने विरोध किया। कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि विधानसभा का टिकट महापौर एजाज ढेबर एवं सभापति प्रमोद दुबे को न मिलने से भूपेश बघेल की सरकार को बदनाम करने 3 दिन का अल्टीमेटम, दीवाल उठाने आदि की धमकी दी गई,और उसमें वे पूर्व सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से सफल भी हो गए। अच्छा होता विधवा महिलाओं को जबरिया दीवाल उठाकर हटाने की बजाय 3 दिन में उन्हें चपरासी के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दिला देते। समाजवादी चिंतक राम मनोहर लोहिया जी ने कहा था अगर सड़क खामोश हो जाएगी तो संसद विधानसभा आवारा हो जाएगी। इसका मतलब है कि धरना प्रदर्शन विरोध प्रतिपक्ष नहीं होने पर लोकतंत्र खतरे में हो जाएगा। श्री झा ने आरोप लगाया है कि लगातार 20 साल में धरना स्थल बदलते गए। उसी धरना स्थल में धरना देकर दोनों राजनीतिक पार्टी के व्यक्ति सत्ता के सुख को प्राप्त किए हैं। अब बूढ़ा तालाब धरना स्थल को हटाकर नए रायपुर ले जाने की योजना है। यद्यपि प्रशासन द्वारा अभी ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। किंतु नगरी निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय ऐड़े द्वारा धरना प्रदर्शन की अनुमति मांगने पर अनुमति न देकर तूता जाने का निर्देश दिया गया है। इससे लोगों को भय हो गया है कि धरना स्थल नया रायपुर तूता जाएगा। श्री झा ने कहा है कि रायपुर राजधानी में पुराना बस स्टैंड, नया बस स्टैंड, हिंदू स्पोटिंग मैदान,गास मेमोरियल मैदान, मुख्यमंत्री निवास के पास योगा के लिए आरक्षित जमीन सहित नए बस स्टैंड में 14 एकड़ सरकारी जमीन विघटित राज्य परिवहन के नाम पर आज भी सुरक्षित है रजिस्ट्री हो गया है। इसी प्रकार विश्वविद्यालय के सामने राज्य परिवहन के डीपों का 4 एकड़ जमीन राज्य परिवहन के नाम से पंजीकृत है। इन विकल्पों पर बिना विचार किए, कर्मचारी संगठनों ट्रेड यूनियनों को बिना विश्वास में लिए समिति में बिना सदस्य बनाएं केवल विधायक महापौर भाजपा कांग्रेस अध्यक्ष की समिति ने निर्णय ले लिया है। धरना प्रदर्शन को बंद करने रासुका लगाकर कर्मचारी नेताओं को गिरफ्तार करने की एक सोची समझी साजिश है। इसका प्रमाण भी है कि अनियमित कर्मचारी के नेता रवि गढ़पाले, मध्यान भोजन रसोईया कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष श्रीमती नीलू ओंगरे को गिरफ्तार कर 5 दिन जेल में बंद रखा गया था। अभी भी तीन कर्मचारी नेता जेल में बंद है। ऐसी स्थिति में जिस हिसाब से सरकार प्रशासनिक दादागिरी कर रही है, 8 माह में धरना स्थल बदला है तो सरकार भी बदलने की चेतावनी कर्मचारी नेता विजय झा ने दिया है। उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि शहर के हृदय स्थल मुख्य मार्ग पर स्थित सिंचाई कॉलोनी को तोड़कर कांप्लेक्स बनाया जा रहा है। वैसे ही बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर भविष्य में कांप्लेक्स बनाने की गुप्त योजना परिलक्षित हो रही है। आज भी बिलासपुर के नेहरू चौक पर धरना प्रदर्शन प्रतिबंध होने के बाद भी निरंतर 10 वर्षों से वहां धरना प्रदर्शन जारी है अति शीघ्र पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन स्थान बदलने के विरोध में नारेबाजी प्रदर्शन कर्मचारी संघों द्वारा किया जावेगा। आज के धरना प्रदर्शन धर्मराज महापात्र विजय कुमार झा पंकज पांडे संजय सिंह सीएल दुबे गोपाल प्रसाद साहू श्रीमती पद्मावती साहू सत्यम शुक्ला रामकुमार सिन्हा के नेतृत्व में सैकड़ों कर्मचारियों ने नारेबाजी प्रदर्शन कर राज्य सरकार को चेतावनी दी कि चर्चा के माध्यम से आंदोलनकारियों को विश्वास में लेकर ही धरना स्थल के संबंध में कोई निर्णय लिया जाना चाहिए।