रायपुर। छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त मोर्चा के आवाहन पर 23 जनवरी से जारी महापड़ाव के दूसरे दिन धरना स्थल बूढ़ातालाब में हजारों की संख्या में महिलाएं 6 सूत्रीय मांगों के लिए धरनारत रही। शासन प्रशासन पुलिस प्रशासन द्वारा धरना की अनुमति न होने के बाद भी महिलाएं आक्रोशित होकर मंत्री के भ्रमण पर होने के कारण महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया के विशेष कर्तव्य अधिकारी को मांग पत्र सौंपा। आंदोलनकारियों का नेतृत्व कर रही अखिल भारतीय आंगनबाड़ी संघर्ष मोर्चा की महासचिव उषा रानी, गजेंद्र झा, पद्मावती साहू, देवेंद्र पटेल, सरिता पाठक, ने बताया है कि चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे को पूरा कराने चुनावी वर्ष में महिलाएं संघर्ष कर रही हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पर्यवेक्षक पद में शत-प्रतिशत पदोन्नति देने, रिक्त कार्यकर्ता के पदों पर सहायिका को पदस्थ करने, मोबाइल भत्ता देने, शासकीय सेवक घोषित कर कलेक्टर दर पर वेतन भुगतान करने की मांग को प्रमुखता से प्रस्तुत किया गया। आंदोलनकारियों की सभा को कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद नारीशक्ति का दोनों राजनीतिक दलों की सरकारों ने 20 साल तक शोषण किया है। अब महिलाओं ने करो या मरो की नीति के तहत नियमितीकरण के लिए 26 जनवरी को मां दंतेश्वरी की धरा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा ध्वजारोहण के दौरान नियमितीकरण व कलेक्टर दर वेतन भुगतान की घोषणा करने की मांग की है। प्रशासन द्वारा अनुमति न होने के कारण भारी संख्या में पुलिस बल की उपस्थिति में देर रात तक महिलाएं सड़क पर बैठी रही।