रायपुर। छत्तीसगढ़ शिक्षक पंचायत अनुकंपा नियुक्ति कल्याण संघ के बैनर तले जारी अनिश्चितकालीन आंदोलन के 84 वें दिन जिला प्रशासन द्वारा सरकार की चाटुकारिता करते हुए धरना स्थल खाली करने तथा बगैर अनुमति के अवैधानिक रूप से धरना देने, आत्महत्या का प्रयास करने, के साथ ही सरकार के खिलाफ अनर्गल नारेबाजी व वक्तव्य जारी करने का आरोप लगाते हुए धरना स्थल को खाली करने का नोटिस दिया गया है। इस नोटिस के बाद आंदोलनकारियों में और व्यापक आक्रोश व्याप्त हो गया है। शिक्षक पंचायत अनुकंपा नियुक्ति कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मृगे तथा प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के संरक्षक विजय कुमार झा ने कहा है कि 84 दिन तक बरसते पानी, तेज गर्मी, 11 डिग्री तापमान में खुले आसमान में रात बिताने व मच्छर काटने जैसी स्थिति पर भी गांधीवादी तरीके से शांतिप्रिय आंदोलन किया जा रहा है। उसके बाद भी आंदोलन के लोकतांत्रिक अधिकार को जिला प्रशासन कुचलने का प्रयास कर रही है। श्री झा ने कहा है कि एक साजिश के तहत मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल व कांग्रेस सरकार को चुनाव पूर्व असंतुष्ट सरकार विरोधी अधिकारी बदनाम करने का संकल्प ले लिए हैं। इसी कड़ी में धरना स्थल खाली कराने का प्रयास किया जा रहा है। किंतु नारी शक्ति ने पंडाल हटने के बाद भी खुले आसमान में हरितालिका व्रत की भांति पार्वती जी ने शिव जी को प्राप्त करने खुले आसमान में ठंड के दिनों में पानी में डूबकर, गर्मी के दिन में खुले मैदान में तपस्या कर, अपने उद्देश्य को प्राप्त की थी। आंदोलनकारी सभी महिलाएं अपने आप में सीता, द्रोपदी, पार्वती रूपी हैं। इसलिए इनके आंदोलन को कुचलने का प्रयास निंदनीय है। सरकार अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे को पूरा करते हुए, योग्यता के अनुरूप प्रदेश में रिक्त शासकीय सेवकों के पदों पर नियुक्ति प्रदान करने की मांग प्रदेश अध्यक्ष जी आर चंद्रा, संरक्षक अजय तिवारी, संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा, आलोक जाधव, सी एल दुबे, बी पी कुरील प्रकाश सिंह ठाकुर, गीता साहू, आदि ने मुख्यमंत्री से की है।