रोशन सिंह@उतई ।ग्राम बोरीडीह में साहू परिवार के शुभसँकल्प से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के षष्ठम दिवस में वृंदावन लीला रास लीला गोवर्धन लीला रूखमणी विवाह की कथा पर आध्यात्मिक भाव प्रकाशित करते हुए प्रवचनकर्ता मानस मर्मज्ञ स्वामी चंद्रकांत शर्मा जी ने कहा जीवन घट को भक्ति के माध्यम से संवारना आवश्यक है अन्यथा अंतिम मे इस शरीर रूपी घट को मरघट ही जाना है, मरघट जाने के पूर्व ही मन को प्रभु चरणों मे लगा ले क्योंकि ये संसार भटकाने वाला है,और भगवान के चरणारविन्द मुक्ति दिलाने वाला ।
आगे प्रवचनकर्त स्वामी चंद्रकांत शर्मा जी ने गो संवर्धन करने पर विशेष जोर देते हुए कहे कि गौ विश्व की माता है,गौ माता की पूजा मात्र गोवर्धन पूजा के दिन नही अपितु प्रतिदिन हो गौ माता की पूजा मात्र से तैतीस कोटि देवी देवताओं की पूजा का पुण्य फल जीव को प्राप्त होता है गौ माता मे सभी देवी देवता निवास करते है,लेकिन आज जिस गौ माता के आशीर्वाद से सभी का जीवन चल रहा है उसी का कुछ नासमझ लोग वध कर रहे है , गौ माता बस का वध नही अपितु उनके अंदर निवासरत तैतीस कोटि देवी देवताओं के साक्षित्व का वध हो रहा है इस पर रोक लगाए अन्यथा गौ माता के कोप से सारी सृष्टि का विनास निश्चित है, जिस धरा पर गोविंद गोपाल ने जन्म लिया ऐसी धरा पर गौ माता का वध कलंक साबित हो रहा है इस पर रोक लगाए, अपनी माँ की रक्षा के लिये हम सबको एक साथ मिलकर आगे आना होगा तभी यह कलंक मिट सकता है।
संसार भटकाने वाला है,और भगवान के चरणारविन्द मुक्ति दिलाने वाला-चंद्रकांत शर्मा
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