लोकेश्वर सिन्हा @गरियाबंद।एंटी करप्शन ब्यूरो ने जनपद पंचायत के सीईओ (डिप्टी कलेक्टर) करुण डहरिया को कांग्रेस नेता से काम की एवज में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है।
जानकारी के अनुसार जनपद सदस्य कांग्रेस नेता सफीक खान से गरियाबंद जनपद पंचायत के सीईओ ने कार्य के एवज में रिश्वत की मांग की थी, जिसे एन्टी करप्शन ब्यूरो ने आज 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगों हाथ पकड़ा है। बताया जाता है कि बोर खनन के एवज में सीईओ ने रिश्वत की मांग की थी। जैसे ही एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम उसके दफ्तर में पहुंची, इसके पहले ही कांग्रेस नेता सफीक खान से रिश्वत की राशि वह ले चुके थे, सीईओ को भनक लगते ही वे चिल्लाने लगे कि मेरे द्वारा कुछ नहीं किया गया। जनपद पंचायत में आज सामान्य सभा की बैठक आयोजित की गई थी, अचानक एंटी करप्शन ब्यूरो की दस्तक से यहां हलचल मच गई।

जनपद के बाहर भीड़ जुट गई, जानकारी के अनुसार एन्टी करप्शन ब्यूरो के डीएसपी विक्रांत राही की टीम ने रंगे हाथ पकड़ा है। सीईओ को एन्टी करप्शन ब्यूरो ने मेडिकल कराने के बाद हिरासत में ले लिया है।
कांग्रेस नेता एवं जनपद सदस्य सफीक खान ने बताया कि जनपद पंचायत द्वारा पंचायतों को 15वे वित्त की राशि से बोर खनन की स्वीकृति गई है। इसके प्रथम किस्त की राशि जारी करने के लिए जनपद सीईओ ने राशि की मांग की थी मेरे द्वारा 20 हजार रुपए की राशि दी गई है।
वर्षों बाद जिला मुख्यालय में एंटी करप्शन ब्यूरो पर छापा पड़ा है जिसको लेकर मुख्यालय से प्रशासनिक क्षेत्र में जमकर चर्चा रही।
बताया जाता है कि रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए जनपद सीईओ करुण डहरिया इसके पूर्व पामगढ़ में एसडीएम थे। यहां भी सुर्खियों में रहे हैं। विवादों से गहरा इनका नाता है, इसके पहले भी गरियाबंद जनपद पंचायत में एक आदिवासी महिला सरपंच के साथ अभद्र व्यवहार किया था। जिसकी शिकायत राजधानी तक हुई थी। आदिवासी समाज ने उसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था सीईओ को हटाने के लिए मुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत एवं विधायक अमितेश शुक्ल को शिकायत किया गया था इसके बावजूद इस सीईओ के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।